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जब पुलिस अंकल बन जाते हैं बच्चों के लिए ‘शिक्षक’

वाराणसी – अंबियां मंडी पुलिस चौकी के आसपास बड़ी संख्या में गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लोग रहते हैं। इन परिवारों के अधिकतर लोग छोटे-मोटे काम करते हैं। इनके बच्चे स्कूल के बाद खाली समय में इधर-उधर घूमा करते हैं, जिससे इनके गलत संगत में पड़ने की आशंका रहती है, परिवार में रहने वाली छोटी बच्चियों के साथ अपराध होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में चौकी पर पाठशाला के जरिए यहां के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण करने का बीड़ा उठाया है।

दरोगा अनिल कुमार मिश्र खुद एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। सरकारी स्कूलाें में न सिर्फ संसाधनों की कमी होती है, बल्कि कई बार शिक्षक सिर्फ नाम के लिए ही पढ़ाते हैं। सभी के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए पैसे भी नहीं होते हैं। अच्छी बात यह है कि इन बच्चों के मां-बाप गरीब और कम पढ़े लिखे भले ही हैं, लेकिन वे पढ़ाई के प्रति जागरूक हैं और प्रतिदिन अपने बच्चों को यहां पढ़ने भेजते हैं। अधिकतर बच्चे पढ़ने में तेज हैं, लेकिन सही दिशा और सलाह न मिल पाने के कारण कुछ पिछड़ जरूर गए हैं, अनिल कुमार मिश्र बच्चों को देश की आज़ादी के साथ साथ बच्चों को समझाते हैं कि वे अपने आसपास होने वाली गलत गतिविधियों का विरोध कर आपराधिक गतिविधियों पर शिकंजा कसने में पुलिस की मदद करें। पुलिस उनकी मित्र है। बच्चों को पुलिस अंकल रोजाना शाम के समय अपनी चौकी पर बिस्कुट-टॉफी, मास्क व सैनिटाइजर बांटते नजर आ जाते हैं। बच्चों को भी पुलिस अंकल का बेसब्री से इंतजार रहता है। बच्चों का कहना है पुलिस अंकल से हम लोगों को रोज बिस्कुुट-टॉफी और अच्छी बातें सीखने को मिलती है।

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