भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की पूरी तैयारी कर रखी थी। मिसाइल हमले के लिए नौसेना के जहाज और पनडुब्बियां हॉट-स्टैंडबाय पर थीं, लेकिन अंतिम आदेश न मिलने के कारण हमला नहीं किया जा सका।
इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की नौसेना के युद्धपोत तथा पनडुब्बियां बंदरगाह के अंदर ही छिप गईं और पानी में बाहर नहीं निकलीं। भारतीय नौसेना के INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप और मिग-29K लड़ाकू विमानों के दबाव ने पाकिस्तानी नौसेना की समुद्री मौजूदगी लगभग समाप्त कर दी।
ऑपरेशन सिंदूर की सैटेलाइट तस्वीरों में भी यह साफ दिखा कि पाकिस्तान के युद्धपोत और पनडुब्बियां सुरक्षित स्थानों पर छिपी थीं। भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों और पनडुब्बी से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों की क्षमताओं ने पाकिस्तानी नौसेना को सतर्क कर रखा था।
एक विशिष्ट घटना में, भारतीय मिग-29K ने पाकिस्तानी RAS-72 सी ईगल विमान को भी वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। यह भारत की सटीक रणनीतिक तैयारी और सामरिक दबदबे का प्रमाण है, जिसने पाकिस्तान को अपने युद्धपोतों को बंदरगाह में छिपाने पर मजबूर किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर सामरिक संतुलन के लिए भारत की काबिलियत और दृढ़ता का उदाहरण था, जिसने पाकिस्तान की नौसेना की हिम्मत तोड़ी और उसे समुद्र में अपने प्रभाव से बाहर रहने पर मजबूर किया। यह कार्रवाई भारत के लिए एक स्पष्ट संदेश थी कि वह समुद्री मोर्चे पर भी पूरी तरह सक्षम है।
इस पूरे ऑपरेशन की सैटेलाइट तस्वीरें और ताजा जानकारी भारतीय नौसेना की सुपीरियरिटी और रणनीतिक सोच को बखूबी दर्शाती हैं।

