नयी दिल्ली – संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 130वें संवैधानिक संशोधन विधेयक को लेकर हुए हंगामे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा। इस विधेयक में गंभीर आपराधिक आरोपों में जेल जाने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है। विपक्ष ने इसे “काला कानून” करार दिया, जिसके जवाब में शाह ने कहा कि जेल में बैठा व्यक्ति देश नहीं चला सकता।
एएनआई को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा कि विधेयक को संसद में पेश करना सरकार का अधिकार है और इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को सौंपा जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि संवैधानिक संशोधन के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है, और यह सदन में मतदान के दौरान स्पष्ट हो जाएगा। विपक्ष के हंगामे पर शाह ने सवाल उठाया कि क्या विधेयक पेश न करने देना लोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि संसद बहस के लिए है, न कि शोर-शराबे के लिए, और विपक्ष को जनता को जवाब देना होगा।
शाह ने यह भी खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस विधेयक में प्रधानमंत्री पद को शामिल करने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री जेल जाते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। शाह ने विपक्ष की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे जेल से सरकार चलाने की कोशिश में हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

