अमेरिका की अर्थव्यवस्था एक बार फिर गंभीर दौर से गुजर रही है। इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी Moody’s ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अमेरिकी इकोनॉमी मंदी (Recession) की तेज़ी से ओर बढ़ रही है। “दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त” कहलाने वाला अमेरिका आज खुद आंतरिक और वैश्विक आर्थिक दबावों से जूझ रहा है।
Moody’s का कहना है कि लगातार बढ़ता कर्ज़, महँगाई का दबाव, ब्याज दरों की ऊँचाई और घरेलू बाज़ार में उपभोक्ताओं की घटती क्रय-शक्ति ने अमेरिकी इकोनॉमी को ‘विकट हालत’ में पहुँचा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले महीनों में अमेरिका को नौकरी संकट, निवेश में भारी गिरावट और उपभोक्ता विश्वास में ढहाव जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है।
आलोचकों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में अमेरिका ने वैश्विक मंचों पर अपनी ‘दादागिरी वाली नीतियाँ’ लागू करते हुए दूसरे देशों पर आर्थिक व सैन्य दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन नतीजा यह हुआ कि अब खुद वही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था “रसातल की ओर” बढ़ रही है।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था दुनिया में वित्तीय अस्थिरता को और भी गहरा सकती है। यह झटका एशिया, यूरोप और उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर भी बड़ा असर डाल सकता है।

