अमेरिकी कंपनी General Electric (GE) ने भारतीय राज्य स्वामित्व वाली Hindustan Aeronautics Limited (HAL) को तीसरा F-404 इंजन सौंप दिया है, जो तेजस Mark-1A लड़ाकू विमान परियोजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह इंजनों की आपूर्ति में सुधार और उत्पादन प्रक्रिया को तेज करने के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है।
F-404 इंजन तेजस MK-1A के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करता है, जो भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का प्रतीक है और भारतीय वायु सेना के लिए आधुनिक लड़ाकू विमानों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। भारत ने GE से कुल 99 ऐसे इंजन खरीदने का अनुबंध किया है, जिनमें से अब तक तीन इंजन HAL को मिल चुके हैं। चालू वित्त वर्ष के अंत तक 12 इंजनों की डिलीवरी का लक्ष्य है।
बातचीत और समझौतों के तहत GE ने यह सुनिश्चित किया है कि मार्च 2026 तक बगैर किसी रुकावट के इंजनों की आपूर्ति जारी रहे। इससे HAL को लगातार तेजस विमानों का निर्माण और भारतीय वायु सेना को निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
तेजस Mark-1A, पहले के Mark-1 मॉडल की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक स्वदेशी सामग्री और 40 से अधिक उन्नत तकनीकी सुधारों के साथ आता है। भारतीय वायु सेना ने तेजस MK-1A के 83 विमानों का आदेश दिया है और सरकार ने आगे 97 विमानों की खरीद भी मंजूर की है, जिससे कुल संख्या 180 के करीब पहुंच जाएगी।
हाल के वर्षों में इंजन की आपूर्ति में देरी ने तेजस विमान परियोजना को चुनौती दी थी, लेकिन GE के लगातार इंजन सप्लाई के शुरू होने से उत्पादन की गति बढ़ने और विमानों की समय पर डिलीवरी की संभावना मजबूत हुई है। HAL का लक्ष्य है आने वाले वित्त वर्ष में 24 से 30 तेजस Mark-1A विमानों का निर्माण।
इसके साथ ही भारत और अमेरिका के बीच F414 इंजन के सह-उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया भी तेज हो रही है, जो तेजस Mark-2 और आगामी 5वीं पीढ़ी के Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) के लिए अहम इंजनों की आपूर्ति करेगा।
इस गति से भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम मजबूत होगा, जिससे भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ेगी और विदेशी निर्भरता कम होगी।

