भारत के इतिहास में आज का दिन एक नए अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है। सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस भव्य और गरिमामयी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेता तथा गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण समारोह का माहौलराष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय राजनीति का लगभग पूरा शीर्ष नेतृत्व शामिल हुआ। पूरे समारोह का वातावरण पूरी तरह से गरिमामय और ऐतिहासिक रहा। जैसे ही सीपी राधाकृष्णन ने शपथ ली, पूरे सभागार में गगनभेदी तालियों की गूंज सुनाई दी।
भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और संसद के उच्च सदन के संचालन की जिम्मेदारी निभाते हैं। ऐसे में सीपी राधाकृष्णन का यह कार्यकाल न केवल भारतीय राजनीति के लिए अहम साबित होगा, बल्कि संसद की गरिमा और अनुशासन बनाए रखने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहेगा।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं और पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। वे अपनी सादगी, ईमानदार छवि और मजबूत वैचारिक पकड़ के लिए जाने जाते हैं। राधाकृष्णन को दक्षिण भारत के एक प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता है और उनकी नियुक्ति से भारतीय राजनीति के दक्षिणी क्षेत्र में पार्टी की पकड़ और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीपी राधाकृष्णन का अनुभव और दूरदर्शिता देश को नई दिशा देगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि उनका कार्यकाल लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती के लिए याद किया जाएगा।
विपक्षी नेताओं ने भी नई जिम्मेदारी के लिए राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं और लोकतंत्र की परंपराओं को मजबूत करने की आशा जताई।
सीपी राधाकृष्णन के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी संसद के उच्च सदन में दलगत राजनीति से परे जाकर संतुलन बनाए रखना। आज के दौर में राजनीति में संवाद और सहयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है, और इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए वे योग्य और अनुभवी माने जाते हैं।

