नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ Gen-Z आंदोलन अब खतरनाक मोड़ लेता जा रहा है। 8 सितंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन युवाओं के बीच तेजी से फैल गया और इसकी लपटें अब पूरे देश को अपनी चपेट में ले रही हैं। शुरुआत में शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा यह आंदोलन धीरे-धीरे हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रतिष्ठानों एवं निजी संपत्तियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
गुरुवार देर रात आंदोलनकारियों ने राजधानी काठमांडू स्थित एक 5-स्टार होटल पर हमला कर दिया और उसे आग के हवाले कर दिया। आग इतनी भीषण थी कि फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां घंटों तक आग बुझाने की कोशिश करती रहीं। इस दौरान होटल के अंदर अफरा-तफरी मच गई और कई लोग जान बचाकर बाहर निकले।
दुर्भाग्य से इस घटना में भारत की एक महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी और अपने परिवार के साथ नेपाल घूमने गई थी। आग लगने के बाद होटल से निकलने की कोशिश में वह धुएं के कारण बेहोश हो गई और उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने भी नेपाल में रहने और घूमने वाले भारतीयों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है।
प्रदर्शनकारियों ने न केवल होटल बल्कि कई सरकारी भवनों, दफ्तरों और वाहनों में भी आगजनी की।
इंटरनेट बैन हटाने और सोशल मीडिया पर फिर से स्वतंत्रता देने की मांग के बीच नौजवान सड़क पर उतर आए हैं।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया।
नेपाल सरकार पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही थी, अब यह आंदोलन उसकी मुश्किलें और बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना और भड़काऊ संदेश फैलने से कानून व्यवस्था बिगड़ रही थी, इसलिए अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन युवाओं का आरोप है कि यह कदम उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने जैसा है।
नेपाल में लगातार बिगड़ते हालात से भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों में भी चिंता गहराने लगी है। सीमा से सटे क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारतीय दूतावास मामले पर नेपाल सरकार से लगातार संपर्क में है और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और आंदोलनकारी युवाओं के बीच जल्द संवाद नहीं हुआ, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। देश पहले ही जेलों से कैदियों के फरार होने और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहा है। अब Gen-Z आंदोलन से पैदा हुई हिंसा नेपाल को गहरे सामाजिक संकट की ओर धकेल सकती है।

