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CBI का ताबड़तोड़ एक्शन: बेंगलुरु में घोटाले की जड़ तक पहुंची जांच, नेताओं के करीबियों की कुंडली खुली

कर्नाटक में एक बड़े वित्तीय घोटाले की जांच करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश के कुल 16 स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई वाल्मीकि कॉर्पोरेशन से जुड़े करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में की गई है। आरोप है कि सरकारी फंड को नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के खातों में ट्रांसफर कर उसका दुरुपयोग किया गया।

CBI को यह मामला तब मिला जब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के DGM ने 3 जून 2024 को शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि वाल्मीकि कॉर्पोरेशन के खातों से ₹84.63 करोड़ रुपये गलत तरीके से निकाले गए। यह पूरा ट्रांजेक्शन 21 फरवरी से 6 मई 2024 के बीच किया गया। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों और गड़बड़ी वाले तरीकों से रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया।

इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी गंभीरता दिखाई है। विधायक बसनगौड़ा आर. पाटिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने CBI को जांच तेज करने और समय-समय पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। अब तक कोर्ट में चार रिपोर्ट पेश की जा चुकी हैं और कोर्ट स्वयं इस मामले पर निगरानी बनाए हुए है।

जांच में यह भी सामने आया कि केवल वाल्मीकि कॉर्पोरेशन ही नहीं, बल्कि एसटी वेलफेयर डिपार्टमेंट और कर्नाटक जर्मन टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (KGTTI) की फंडिंग में भी भारी गड़बड़ी की गई।

एसटी वेलफेयर डिपार्टमेंट का मामला:

यहां से ₹2.17 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदासिद्धैया रोडबेंगलुरु से निकाले गए। यह रकम कुछ निजी कंपनियों जैसे M/s SKR Infrastructure और M/s Golden Establishment के जरिए होकर M/s Dhanalaxmi Enterprises के खाते में पहुंची। यह कंपनी मंत्री बी. नागेंद्र के करीबी नेक्कंती नगराज से जुड़ी है। इसमें से लगभग ₹1.20 करोड़ रुपये मंत्री की बहन, बहनोई और निजी सहायक के खातों में ट्रांसफर किए गए।

KGTTI का मामला:

यहां से ₹64 लाख रुपये कैनरा बैंकविल्सन गार्डन शाखा से निकाले गए। ये पैसे M/s Sadguru Education TrustM/s Sadguru Solutions, फिर M/s Skillpoint Training और उसके बाद M/s Style Machine के खातों से होते हुए एन. रविकुमार (नेक्कंती नगराज के भाई) और एन. यशवंत चौधरी (भतीजा) तक पहुंचाए गए।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI की यह जांच साफ तौर पर दिखाती है कि सरकारी योजनाओं के पैसे को नेताओं और उनके परिवारों के निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया। कोर्ट ने CBI को स्वतंत्र और गहराई से जांच करने की पूरी अनुमति दे दी है।

CBI की छापेमारी अभी जारी है और सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर चुका है और अब सभी की नजरें CBI की अगली रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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