शाहजहांपुर, रविवार: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के जैतीपुर क्षेत्र से ऐसी भयावह घटना सामने आई है, जिसने हर किसी के दिल को झकझोर कर रख दिया है। एक 15 दिन की मासूम बच्ची को किसी निर्दयी व्यक्ति ने गौहावर जाने वाले मार्ग पर बहगुल नदी के पुल के किनारे लगभग एक फुट गहरे गड्ढे में जिंदा दबा दिया।
रविवार सुबह करीब 9 बजे, गौहावर गांव के बकरी चराने निकले 12 साल के बालक डबलू ने जब रोने की आवाज़ सुनी, तो उसकी रूह कांप उठी। आवाज के स्रोत की तरफ बढ़कर उसने देखा कि मिट्टी के नीचे एक छोटा सा खून से सना हाथ बाहर निकला हुआ था। डबलू ने जोर-जोर से शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।
ग्रामीणों की मदद से गड्ढे से बच्ची को निकाला गया, जो हाय-हाय कर रो रही थी। उसकी हालत देखकर हर कोई दहल गया। बच्ची के शरीर पर सूखी हुई मिट्टी थी, जिसे डबलू की मां नीरज ने बड़ी निष्ठा और प्यार से साफ किया। तुरंत उसे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर देख राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मासूम बच्ची की हालत अभी भी नाजुक है। उसे न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में रखा गया है और ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम हर संभव कोशिश कर रही है कि वह इस जंग को जीत सके।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची को जमीन में दबाने वाले ने उसकी सांस लेने के लिए थोड़ी सी जगह जरूर छोड़ी थी, शायद मानवता की एक छोटी सी किरण बची हो। लेकिन फिर भी, 15 दिन की मासूम को इस तरह पीड़ा देना मानवता पर बड़ा सवाल है।
यह घटना शाहजहांपुर के जैतीपुर क्षेत्र में हुई है, जो न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दी है। मासूम बच्ची की जान बचाने वाले डबलू की बहादुरी और ग्रामीणों की तत्परता की सभी तारीफ कर रहे हैं।
इस दिल दहला देने वाली वारदात ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए हमें और अधिक सतर्क और संवेदनशील होना होगा।

