इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने गाजा पट्टी में एक ही दिन में 150 से अधिक हवाई और भूमिगत हमले किए हैं, जिनसे इलाके में व्यापक तबाही मची है। ये हमले पिछले दो दिनों से तेज गति से जारी हैं और इसका सीधा असर गाजा की आबादी पर पड़ रहा है।
गाजा की कुल आबादी लगभग 10 लाख के करीब थी, लेकिन हाल ही में लगभग 4 लाख लोग अत्यधिक हिंसा और सुरक्षा संकट के कारण पलायन कर चुके हैं। इस प्रकार करीब 40 फीसदी आबादी युद्धग्रस्त क्षेत्र छोड़ चुकी है। ये पलायन विभिन्न आश्रय स्थलों, पड़ोसी देशों और सुरक्षित क्षेत्रों की ओर हो रहा है।
गाजा की रातें भयावह और गूंजती हुई रॉकेटों और धमाकों की आवाज़ों से भरी हुई हैं। बचाव कार्यों के बीच सामान्य जीवन पूरी तरह ठप्प हो चुका है। स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं और पट्टी के अस्पताल घायल और मृतकों की संख्या बढ़ने से जूझ रहे हैं।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज़ ने कहा है कि वे हमास और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जो गाजा में सक्रिय हैं। उनका दावा है कि ये हमले आतंकवादी ठिकानों और उनके हथियार भंडार को निशाना बनाते हैं, लेकिन आम नागरिकों को बचाने के उपाय भी किए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गाजा की मानवीय स्थिति को गंभीर बताया है। खाने-पीने, पानी, और चिकित्सा सप्लाई की किल्लत बढ़ती जा रही है, साथ ही हजारों लोग विस्थापन के कारण राहत शिविरों में जीवन यापन कर रहे हैं।
क्या चाहेंगे कि इस खबर को विस्तृत मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय स्थिति विश्लेषण के साथ तैयार किया जाए?इजरायल ने गाजा में एक दिन में किए 150 हमले, 4 लाख लोग पलायन कर चुके हैं
इजरायल डिफेंस फोर्सेज़ ने हाल के दो दिनों में गाजा पट्टी में 150 से अधिक हवाई और थल हमले किए हैं, जिससे वहां का मानवीय संकट गहराता जा रहा है। गाजा की कुल आबादी लगभग 10 लाख थी, जिसमें से करीब 4 लाख लोग हिंसा और सुरक्षा चिंताओं के कारण पलायन कर चुके हैं, यानी लगभग 40% आबादी वहां से जा चुकी है। रात भर लगातार धमाकों की गूंज और रॉकेटों की आवाजों के बीच जीवन अत्यंत संकटमय हो गया है। स्थानीय अस्पताल घायलों से भर गए हैं, और आवश्यकतानुसार आपातकालीन सेवाएं फेल हो रही हैं। इजरायल का कहना है कि ये हमले आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए हैं, परन्तु आम नागरिकों पर इसका भारी प्रभाव पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठन मानवीय संकट की स्थिति पर चिंता जता रहे हैं।

