भारत ने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इस मुद्दे को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। भारत ने कहा है कि क्षेत्रीय सहयोग केवल भरोसे और विश्वास पर टिका हो सकता है, आतंकवाद पर नहीं।
भारत के UN स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने UNHRC की बैठक में पाकिस्तान की नीतियों और आतंकवाद को लेकर सख्त तंज कसते हुए बताया कि पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है और इस दौरान भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले किये। उन्होंने कहा कि हालिया पहलगाम आतंकी हमले ने इस असंतुलन को और भी स्पष्ट कर दिया है।
हिरासत में लिए गए आतंकियों और आतंकवादी घटनाओं के चलते भारत ने फैसला किया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को रोकने का ठोस कदम नहीं उठाएगा, सिंधु जल संधि के निलंबन को जारी रखा जाएगा। यह संघर्ष केवल पानी को लेकर नहीं, बल्कि सुरक्षा और विश्वसनीयता पर आधारित है।
UNHRC में भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि जैसी वार्ता तभी सफल हो सकती है जब दोनों पक्ष भरोसे और शांति के आधार पर काम करें। जबकि पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों ने हमेशा इस भरोसे को तोड़ा है। इसीलिए भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
भारत ने यह भी कहा कि वह सिंधु जल संधि के तहत अपनी परियोजनाओं और जल संसाधनों को सुचारु रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। भारत ने अपने प्रस्तावित सुधारों और तकनीकी पहलुओं को लेकर पाकिस्तान से संवाद करने को कहा था, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार इसे विफल किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान के रवैये पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करती है। पाकिस्तान की ओर से संधि को लेकर जारी दुष्प्रचार का जवाब देते हुए भारत ने साबित किया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति सख्त और स्पष्ट है।

