बागवानी के शौकीनों के लिए अपराजिता का पौधा एक खास आकर्षण का केंद्र रहता है। इसकी नीली और सफेद रंग की फूलों की बेल न केवल घर के गार्डन को खूबसूरत बनाती है बल्कि इसकी औषधीय गुण भी बहुमूल्य हैं। लेकिन सही देखभाल न होने पर अपराजिता के पौधे पर फूल कम आने लगते हैं। ऐसे में कुछ जरूरी टिप्स अपनाकर इस पौधे को तेजी से बढ़ाया जा सकता है और फूलों की भरमार भी की जा सकती है।
- मिट्टी और पानी की देखभाल
अपराजिता के पौधे को भुरभुरी और जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं। मिट्टी में गोबर की खाद, रेत और कोकोपीट मिलाकर इसका मिश्रण तैयार करें। जब पौधा छोटा हो तो नियमित पानी दें, लेकिन जब पौधा बड़ा हो जाए तो मिट्टी को पूरी तरह सूखा नहीं रखें, हल्की नमी बनी रहे। - धूप का सही प्रबंध
पौधे को रोजाना 6 से 8 घंटे की तेज धूप आवश्यक होती है। इसके बिना फूल कम आते हैं। हालांकि, अत्यधिक गर्मी वाली धूप से बचाएं और सुबह की हौली धूप दें। - देसी खाद और फर्टिलाइजर
मासिक या डेढ़ महीने में एक बार फिटकरी का पानी देना पसंदीदा तरीका है। फिटकरी का टुकड़ा 20 ग्राम लेकर एक ग्लास पानी में भिगोएं, और इसे सूखी मिट्टी में डालें। इससे पौधे को न्युट्रिएंट्स मिलेंगे और फूल तेजी से खिलेंगे।
सरसों के पीले पाउडर को भी हर दो महीने में जड़ के पास डालना लाभकारी रहता है। - नियमित छंटाई और सफाई
15-20 दिनों में सूखे और पीले पत्ते, पुराने फूल हटाते रहें। इससे पौधे की ग्रोथ बढ़ती है और नए फूलों का विकास होता है। साथ ही, टिप प्रूनिंग करने से बेल घनी और मजबूत बनती है। - प्राकृतिक उपचार
चायपत्ती का पानी उबालकर ठंडा करके पौधे की जड़ों में देने से फूलों की संख्या बढ़ती है। साथ ही, नीम तेल का स्प्रे कीटों से बचाव करता है। - सहारा देना जरूरी
अपराजिता एक बेलदार पौधा है, इसलिए इसे लकड़ी या जाली के सहारे लगाना चाहिए ताकि यह ऊपर चढ़ सके और अच्छी तरह फैल सके। इससे पौधे को पर्याप्त हवा मिलेगी और फूल बेहतर खिलेंगे।
अपनाई गई ये सरल तकनीकें अपराजिता के पौधे को खूबसूरती और स्वास्थ्य दोनों देंगी। पौधे की स्वस्थ देखभाल से न केवल ज्यादा फूल खिलेंगे बल्कि इसकी औषधीय और सजावटी विशेषताएं भी बनी रहेंगी।

