लद्दाख में केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। लेह में मंगलवार को छात्रों का बड़ा आंदोलन हुआ जिसमें युवा कार्यकर्ता और छात्र पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के समर्थन में सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस बलों के बीच जबरदस्त झड़प हुई और भीड़ ने एक CRPF की गाड़ी में आग लगा दी।
यह विरोध प्रदर्शन तब और उग्र हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके जवाब में प्रदर्शनकारी छात्रों ने पत्थरबाजी की और कई जगह पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत हुई।
छात्रों और स्थानीय संगठनों का साफ कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख की पहचान और राजनीतिक अधिकार कमजोर हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इलाके के संसाधनों पर बाहरी कंपनियों का दबदबा बढ़ रहा है और यहां की संस्कृति एवं पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि लद्दाख की जनता केवल स्वशासन, संसाधनों की रक्षा और पूर्ण राज्य का दर्जा चाहती है, ताकि वे खुद अपने भविष्य को नियंत्रित कर सकें।
प्रदर्शन सोनम वांगचुक की अपील के चलते तेज हुआ। वांगचुक लगातार लद्दाख की पर्यावरणीय और राजनीतिक चुनौतियों पर आवाज़ उठाते रहे हैं। छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कहा, “लद्दाख हमारा है, हमें पूरा हक चाहिए।”
उनका मानना है कि यदि तुरंत निर्णायक कदम नहीं उठाया गया तो लद्दाख के युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा और पारंपरिक संस्कृति का अस्तित्व मिट जाएगा।
झड़प के दौरान कई छात्र घायल हुए और पुलिस के कुछ जवानों को भी चोटें आईं। पुलिस ने इलाके में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। लेह के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाओं को भी प्रभावित किया गया है।
“हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। हम आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण विरोध की अपील कर रहे हैं। अगर कानून हाथ में लिया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देकर उसकी राजनीतिक आवाज़ छीन ली गई है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि संसद में लद्दाख की आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं है और संसाधनों पर दिल्ली का सीधा नियंत्रण होने से यहां के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
फिलहाल लेह और आसपास के इलाकों में तनाव बना हुआ है। व्यापारिक संगठन और नागरिक समाज ने शांति की अपील की है, लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।

