उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में 26 सितंबर 2025 को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा ने पूरे शहर का माहौल दहला दिया। पुलिस के मुताबिक यह हिंसा कोई अचानक नहीं बल्कि सात दिनों से पहले से चल रही साजिश का नतीजा थी। इस मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। साथ ही पुलिस ने इस हिंसा मामले में 10 FIR दर्ज की हैं, जिनमें सात में सीधे मौलाना तौकीर का नाम शामिल है। इसके अलावा मौलाना समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 39 अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने हिंसा में इस्तेमाल की गई चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल की बोतलें भी बरामद की हैं.
बरेली हिंसा की साजिश और पुलिस का खुलासा
एसएसपी अनुराग आर्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस हिंसा की योजना कम से कम सात दिन पहले से चल रही थी। बाहर के लोग इस साजिश में शामिल थे। पुलिस ने जुमे की नमाज के बाद जबरदस्त संघर्ष देखा, जिसमें उपद्रवियों ने पुलिस फोर्स के साथ धक्का-मुक्की की कोशिश की और पथराव किया। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी जिसके कारण पुलिस को कठोर कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने हिंसा के दौरान कई हथियार बरामद किए जिनमें चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल की बोतलें शामिल हैं जो हिंसा को बल देने के लिए रखे गए थे.
डीएम अविनाश सिंह के बयान
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने बताया कि हिंसा की साजिश के बारे में प्रशासन को पहले ही जानकारी मिल गई थी। उन्होंने बताया कि बीएनएसएस धारा 163 लागू कर दी गई थी और बिना अनुमति के कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाना था। डीएम ने कहा कि मौलाना तौकीर रजा और उनके प्रतिनिधि नदीम और नफीज से बातचीत की गई और उन्हें कानूनी नियमों की जानकारी दी गई थी। नदीम ने कैंप कार्यालय में बैठक के बाद अपनी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी और एक पत्र के माध्यम से योजना पर आगे बढ़ने से इंकार कर दिया था। लेकिन अचानक मौलाना तौकीर रजा ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने इसे फर्जी बताया और अपनी पहली योजना पर ही आगे बढ़ने का ऐलान किया
जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा
जुमे की नमाज खत्म होने के बाद करीब 80-90% लोग घरों को लौट गए जबकि कुछ लोग इस्लामिया इंटर कॉलेज की तरफ बढ़े। अचानक उन्होंने कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश की। जब उन्होंने शांति भंग करने का प्रयास किया तो पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। भीड़ द्वारा पथराव करने, दुकानें और वाहनों में तोड़फोड़ करने, आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। झड़प के दौरान पुलिस के 10 जवान घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है। राजमार्गों और मुख्य सड़कों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है.
गिरफ्तारियां और मामला दर्ज
अब तक कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं। कुल 10 FIR दर्ज हैं, जिनमें से 7 में मौलाना का नाम सामने आया है। पुलिस ने 39 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। अधिकारियों का कहना है कि वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले पर कई राजनीतिक दलों ने अपने-अपने स्तर पर बयान जारी किए हैं। समाज में शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक सौहार्द की अपील प्रमुख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संपूर्ण व्यवस्था का जायजा लेते हुए मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आदेश जारी किए हैं.
बरेली हिंसा ने एक बार फिर कानून व्यवस्था के प्रति प्रशासन और पुलिस की सजगता की जरूरत को दिखाया है। हिंसा के पीछे की साजिश और बाहरी तत्वों की भूमिका की जांच कर उचित कार्रवाई की जा रही है। मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने हिंसा से जुड़ी पूरी गुत्थी सुलझाने का प्रयास तेज कर दिया है। प्रशासन जनता से शांति बनाए रखने की अपील करता है ताकि इलाके में सामान्य जीवन जल्द बहाल हो सके.

