उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तौकीर रजा के घर से भारी मात्रा में पेट्रोल बम, तमंचे, कारतूस, लाठी-डंडे, पत्थर और अन्य अवैध हथियार बरामद हुए हैं। पुलिस ने बताया कि यह पूरी हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे तौकीर रजा और उनके सहयोगियों ने पहले से तैयार किया था।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि तौकीर रजा ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए लोगों को जुम्मे के बाद इकट्ठा होने और हिंसा भड़काने के लिए प्रेरित किया। घटना स्थलों से बरामद अवैध हथियारों की मौजूदगी से यह माना जा रहा है कि हिंसा पूर्व नियोजित थी।
हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया, कांच की बोतलों से पेट्रोल बम फेंके गए और पुलिसकर्मियों पर चाकू, लाठी-डंडे से हमला किया गया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
FIR में तौकीर रजा पर कई संगीन आरोप लगाए गए हैं, जिनमें पुलिस के सामने जानलेवा हमला, झूठे और भड़काऊ बयान देना, जातीय हिंसा भड़काने वालों के बीच नेतृत्व करना शामिल है।
पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। तौकीर रजा के खास सहयोगी नदीम खान अभी भी फरार हैं, जिसकी तलाश तेज़ कर दी गई है। अधिकारी इस मामले में किसी भी तरह की छूट नहीं देना चाहते।
यह मामला सामाजिक सौहार्द और कानून के शासन के लिए गंभीर चुनौती है। पुलिस की समय रहते की गई कार्यवाही ने बड़े उपद्रव को होने से रोका है, लेकिन तौकीर रजा और उसके गिरोह की गम्भीरता को दर्शाता है। कानून अपने पूरे सामर्थ्य के साथ सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

