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भारत का बड़ा फैसला: आज से अमेरिका को फिर भेजी जा सकेगी डाक — सभी अंतरराष्ट्रीय सेवाएं बहाल, व्यापारियों और MSME को बड़ी राहत l

नई दिल्ली। भारत सरकार ने मंगलवार को एक अहम निर्णय लेते हुए अमेरिका के लिए सभी तरह की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह सेवाएं आज यानी 15 अक्टूबर 2025 से बहाल हो गई हैं, जिससे भारतीय व्यापारियों, एमएसएमई, शिल्पकारों और ई-कॉमर्स निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है ।​

भारतीय डाक विभाग (India Post) ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय अमेरिकी सीमा शुल्क और सुरक्षा विभाग (CBP) के अपडेटेड नियमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सभी पार्सलों पर 50 प्रतिशत सीमा शुल्क बुकिंग के समय ही वसूल कर लिया जाएगा। यह शुल्क सीधे अमेरिकी अधिकारियों को भेजा जाएगा ताकि पार्सल को वहां मंजूरी में देरी न हो ।​

भारत से अमेरिका के लिए डाक सेवाएं 22 अगस्त 2025 को अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई थीं। उस समय अमेरिका ने एक कार्यकारी आदेश और नए कस्टम नियम लागू किए थे, जिनमें पार्सल भेजने से संबंधित कर और दस्तावेजों में अस्पष्टता थी। इसकी वजह से कई अमेरिकी एयर कैरियर्स ने भारत से पार्सल ले जाने से इनकार कर दिया था ।​

नई व्यवस्था “Delivery Duty Paid (DDP)” सिस्टम पर आधारित है। इस प्रणाली के तहत शुल्क और टैक्स भारत में ही बुकिंग के समय जमा कर लिए जाएंगे ताकि अमेरिकी सीमा पर पार्सलों की मंजूरी में देरी न हो। ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा और पुराने डाक दरें बरकरार रहेंगी, जिससे सेवा सस्ती और प्रभावी बनी रहेगी ।​

इसके साथ ही, भारत पोस्ट ने सुनिश्चित किया है कि इस प्रणाली से MSME सेक्टर, कारीगरों, ई-कॉमर्स निर्यातकों और छोटे व्यापारियों को विशेष लाभ मिलेगा, क्योंकि अब छोटे पैमाने पर निर्यात करना पहले से कहीं अधिक आसान और किफायती होगा ।​

डाक सेवाओं की बहाली भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ताएं फिर से तेज़ हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम “लॉजिस्टिक कूटनीति” का हिस्सा है, जिससे भारत का निर्यात तंत्र और भी प्रभावी होगा ।​

भारतीय डाक विभाग ने कहा कि नई प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और सीमा शुल्क प्रक्रिया सरल होने से अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट का औसत डिलीवरी समय 20-25 प्रतिशत तक घट सकता है । इससे न केवल व्यापारियों की लागत कम होगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की पोस्टल सेवा की साख भी मजबूत होगी।​

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