समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण के मामले में बड़ी राहत मिली है। रामपुर की कोर्ट ने साल 2019 में दर्ज इस केस में उन्हें बरी कर दिया है। इस फैसले को आजम खान के राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। यह मामला उस समय का है जब 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी की ओर से आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया और कहा कि आजम खान के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके।
दिल इस डर से धड़कता है कि कहीं फिर से जेल न भेज दिया जाए।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कभी कोई मामूली धारा भी नहीं लगी थी। न उन्हें एफआईआर की जानकारी थी, न कोर्ट की प्रक्रिया की। आजम खान ने कहा कि वह राजनीति में इतने सालों से हैं, लेकिन कभी भ्रष्टाचार या किसी आर्थिक गड़बड़ी का आरोप उन पर नहीं लगा। इसके बावजूद उन्हें और उनके परिवार को सजा भुगतनी पड़ी।
आजम खान ने बताया कि उन्होंने जेल में वो वक्त गुजारा जहां पांच मिनट रहना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे कठिन समय जेल में बिताया और यह दर्द शायद ही कभी भूल सकें।
इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह न्याय की जीत है और आजम खान के साथ वर्षों से हो रहे राजनीतिक अन्याय का अंत है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह फैसला आजम खान की सियासी जमीन को फिर से मजबूत कर सकता है, खासकर रामपुर और पश्चिमी यूपी की राजनीति में जहां उनका प्रभाव अब भी कायम है।

