गोरखपुर में भीषण शीतलहर के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम जनता को राहत देने के लिए रैन बसेरों की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। सीएम देर रात अचानक रेलवे स्टेशन और झूलेलाल मंदिर के पास बने अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने ठंड से बचने के लिए ठहरे हुए जरूरतमंदों से सीधा संवाद किया। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से हाल-चाल पूछा, उनकी जरूरतें जानीं और यह सुनिश्चित किया कि किसी को कोई दिक्कत न हो।
निरीक्षण के दौरान सीएम योगी ने रैन बसेरों में मौजूद लोगों को साफ-सुथरे कंबल और गर्मागर्म भोजन भी वितरित किया। उन्होंने व्यवस्थाओं की गुणवत्ता को खुद देखकर परखा और प्रशासन को निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कोई भी व्यक्ति सड़क, फुटपाथ या स्टेशन प्लेटफॉर्म पर बिना आश्रय के न सोने पाए। यदि कहीं कोई जरूरतमंद मिलता है, तो उसे तुरंत सुरक्षित रैन बसेरों तक पहुँचाया जाए।
इन रैन बसेरों में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों—देवरिया, कुशीनगर, बलिया, गगहा, चौरी-चौरा—के साथ-साथ बिहार से आए लोग भी आश्रय लिए हुए थे। कई लोग परीक्षा देने, नौकरी की तलाश में, इलाज के लिए या अन्य जरूरी कामों से शहर पहुँचे थे। सभी ने रैन बसेरों में मिली सुविधाओं पर संतोष जताया और सीएम से खुलकर बातचीत की।
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी रैन बसेरों में पर्याप्त बिस्तर, कंबल, स्वच्छता व्यवस्था और जरूरत पड़ने पर भोजन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही नगर निकायों और पंचायतों को शीतलहर से बचाव के लिए अलाव की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सरकार ने ऊनी कपड़ों और कंबलों के वितरण के साथ शीतलहर प्रबंधन के लिए आवश्यक धनराशि पहले ही उपलब्ध करा दी है।
निरीक्षण के दौरान बताया गया कि गोरखपुर नगर निगम वर्तमान में 14 रैन बसेरे संचालित कर रहा है, जिनमें 700 से 1000 जरूरतमंदों को आश्रय दिया जा सकता है। सीएम के साथ इस दौरे में गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, विधायक विपिन सिंह और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

