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दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर,जिन्हे एंजियोप्लास्टी, बायपास संभव नहीं उनके लिए बनायीं नई तकनीक

गुजरात – एक रिसर्चर ने शरीर में मौजूद 10 नंबर की नस से दिल के इलाज में अहम सफलता हासिल की है। यह उपलब्धि हार्ट के उन मरीजों के लिए उम्मीद जगाने वाली है, जिनकी एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी संभव नहीं होती।

इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कमल शर्मा के मुताबिक, अब तक इस नस से मस्तिष्क को संकेत भेजकर पार्किंसन्स, डिप्रेशन आदि के गंभीर मरीजों का इलाज हाेता आया था, लेकिन दिल के इलाज में पहली बार सफलता मिली है। डॉ. शर्मा की इस रिसर्च काे इंटरनेशनल जरनल ऑफ कार्डियोलाजी (IJC) ने पब्लिश किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भी इस तकनीक को मान्यता प्रदान की है।

डाॅ. शर्मा के मुताबिक, सालाें से दिमागी समस्याओं में वेगस नर्व के जरिए मस्तिष्क को करंट दिया जाता रहा है। मैंने करंट की इस गति को रिवर्स कर मस्तिष्क के जरिए दिल तक पहुंचाने की कोशिश की। इसके लिए मरीज के गले के हिस्से में कट लगाकर वेगस नर्व से छोटी-सी डिवाइस जोड़ी। इससे दिल की बेकाबू धड़कनाें काे नियंत्रित करने, हृदय काे स्वस्थ बनाने और मरीजाें का जीवनकाल बढ़ाने में मदद मिली है। इस तकनीक काे ‘वेगस नर्व सिम्युलेशन’ नाम दिया है। इससे छह महीने से 42 महीने तक की अवधि के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह रिसर्च देश के 10 सेंटर्स पर 60 मरीजाें पर की गई और परिणाम बेहतर रहे।

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