लखनऊ – लॉकडाउन के समय में डायल 112 लोगो के लिए मसीहा बनकर आया है। ना केवल ये अपनी ड्यूटी कर रहा है बल्कि मानवता की भी नई परिभाषाएं लिखा रहा है। इस तत्परता का क्रेडिट जाता है एडीजी यूपी 112 असीम अरुण को जिनके मार्गदर्शन से पुलिसकर्मी इस करोना काल में ड्यूटी कर रहे हैं।
डायल 112 सेवा ने कार और ट्रकों से सैकड़ों किमी दूर बीमार लोगों को दवाएं पहुंचाकर सेवा का शानदार उदाहरण पेश किया है। यहां लालकुआं में रह रही महिला के महाराजगंज में बीमार बाबा और दिल्ली में बैठे युवक के आजमगढ़ निवासी बीमार पिता ने ट्विटर पर अपनी समस्या बताई।
इसके बाद डायल 112 की टीम सक्रिय हुई और घंटों मशक्कत कर दवाएं पहुंचाईं। लालकुआं में रहकर निजी कंपनी में काम करने वाली महिला ने बताया कि उसके महाराजगंज निवासी बाबा का पीजीआई में उपचार चल रहा है, जिनकी दवाएं लखनऊ में ही मिलती हैं।
उनकी दवाएं खत्म हो गईं थीं। परिजनों ने फोन कर यह जानकारी दी तो महिला दवा खरीद लाईं। हालांकि, लॉकडाउन में दवाओं को महाराजगंज तक पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। इसलिए डॉयल 112 सेवा का नंबर मिलाकर समस्या बताई।
लखनऊ में पीजीआई और लेखराज इलाके में दवाएं मिल गईं। दवा लेकर पीआरवी 4578 और पीआरवी 4585 ने दवाएं लेकर पॉलीटेक्निक चौराहा जाकर अयोध्या जा रहे कार चालक राजा को दीं।
राजा ने दवाएं अयोध्या की पीआरवी 0900 के सुपुर्द कर दीं जहां से पीआरवी 0904 की मदद से आजमगढ़ की तरफ जा रहे ट्रक चालक रविंद्र प्रसाद यादव की मदद से दवा का पैकेट आजमगढ़ पहुंचाया गया।
वहां पीआरवी 1009 ने बवाली मोड़ से दवा का पैकेट लेकर युवक के जहारागंज स्थित कोहिलारी गांव में उसके बीमार पिता को पहुंचाया।
पुलिस अपने काम से इतर आमजन के सेवा भाव में लगी है और इस तरह के तमाम किस्से रोज़ हो रहे हैं जिनमें डायल 112 लगातार लोगों का दिल जीत रही है।