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इंदिरा गांधी, जिनका पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी था, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। आज तक वे भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री हैं और भारत की दूसरी सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली प्रधानमंत्री के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने 1967 से 1984 तक चार कार्यकालों में प्रधानमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इंदिरा गांधी का जीवन
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को पंडित नेहरू की बेटी के रूप में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त की और कोलंबिया विश्वविद्यालय से विशिष्टता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। 26 मार्च, 1942 को उनका विवाह फिरोज गांधी से हुआ, जिनसे उनके दो बेटे – राजीव गांधी और संजय गांधी थे। 1955 में कांग्रेस कार्य समिति में शामिल होकर इंदिरा गांधी ने पार्टी के केंद्रीय चुनावों में भाग लिया। 1958 में वे कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्य बनीं। इसके बाद उन्होंने 1956 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महिला विभाग और अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्षता की।
1964 से 1966 तक वे सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्यरत रहीं और जनवरी 1966 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। 1980 में इंदिरा गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया और देश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया।
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान
इंदिरा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। 1930 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन का समर्थन किया और बच्चों के लिए “बाल चरखा संघ” और “वानर सेना” का आयोजन किया। उनका स्वतंत्रता संग्राम में योगदान अविस्मरणीय था।
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
24 जनवरी, 1966 को शास्त्री जी की अप्रत्याशित मृत्यु के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला। 1967 में उन्हें लोकसभा के लिए चुना गया और 1969 में पार्टी में बढ़ते तनाव के कारण उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने “नई कांग्रेस” पार्टी का गठन किया और 1971 के लोकसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने बांगलादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई, जिसके बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई।
सत्ता से बाहर और वापसी
1975 में उन्होंने राष्ट्रीय आपातकाल लागू किया, जिसे बाद में राजनीति से प्रेरित माना गया। 1977 में हुए चुनावों में उनकी पार्टी हार गई और उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद 1978 में उन्होंने कांग्रेस (आई) का गठन किया और 1980 के चुनावों में शानदार जीत प्राप्त की। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विवादों के बाद उन्हें असामयिक रूप से उनकी जान से हाथ धोना पड़ा।
प्रमुख उपलब्धियां
- बीस सूत्री कार्यक्रम: 1975 में गरीबी उन्मूलन और समाजिक कल्याण के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसमें कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया।
- आर्थिक सुधार: आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए, जिसमें हरित क्रांति और बैंकों का राष्ट्रीयकरण शामिल है।
- प्रिवी पर्स का उन्मूलन: इंदिरा गांधी ने भारतीय रियासतों के शासकों को मिलने वाली विशेष सुविधाओं को समाप्त किया, जिससे समाज में समानता को बढ़ावा मिला।
- गरीबी हटाओ: इंदिरा गांधी के नेतृत्व में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लागू किया गया, जिसका उद्देश्य रोजगार बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार करना था।
सम्मान और पुरस्कार
इंदिरा गांधी को उनके योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए, जैसे:
- 1972 में भारत रत्न
- बांगलादेश की मुक्ति के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार (1972)
- 1973 में FAO द्वारा दूसरा वार्षिक पदक
- 1976 में साहित्य वाचस्पति पुरस्कार
- 1953 में मदर्स अवार्ड, यू.एस.ए.
- कूटनीतिक योगदान के लिए इटली का इस्लबेला डी‘एस्टे पुरस्कार
इंदिरा गांधी का जीवन और कार्य आज भी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।