लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल विकास के कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान एक स्वस्थ और समर्थ भारत की नींव रखता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कुपोषण के खिलाफ व्यापक अभियान प्रारम्भ करने के लिए पूरे देश को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को वर्ष 2018 में प्रारम्भ किया था। इस वर्ष यह राष्ट्रीय पोषण माह की 6वीं वर्षगांठ है। विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में पोषण के क्षेत्र में किए गए कार्यों के अच्छे परिणाम आए हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक भवन में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर 155 करोड़ रुपये की लागत से 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इनमें 1,209 आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास तथा 150 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर उन्होंने 50 करोड़ रुपये की लागत से 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री जी ने 02 लाख 90 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों एवं सहायिकाओं के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से यूनिफॉर्म (साड़ी) हेतु 29 करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण भी किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने 03 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 03 बच्चों का अन्नप्राशन किया। उन्होंने सम्भव अभियान के तहत कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आये बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों तथा सहायिकाओं को यूनिफाॅर्म (साड़ी) वितरित की। इस अवसर पर राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों तथा तीव्र कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु चलाये जा रहे सम्भव अभियान पर आधारित 02 लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। इनमें बाल विकास परियोजना कार्यालयों का शिलान्यास एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। इसके साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के बैंक खातों में यूनिफॉर्म के लिए 01 हजार रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की गई है। कुपोषित श्रेणी से सुपोषित श्रेणी में परिवर्तित बच्चों के अभिभावकों का सम्मान के साथ ही, गर्भवती महिलाओं की गोद भराई और बच्चों का अन्नप्राशन भी सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह-2023 के अन्तर्गत जिन विभिन्न विषयों का चयन किया गया है, उनमें प्रभावी स्तनपान व सम्पूरक आहार, एनीमिया स्तर में सुधार हेतु परीक्षण, उपचार व संवाद आदि सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय पोषण माह का कार्यक्रम सात अलग-अलग विषयों को लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र, विकासखण्ड, जनपद व प्रदेश स्तर पर स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए तथा पुरस्कार व इन्सेन्टिव की व्यवस्था की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के अन्तर्गत प्रदेश में चार महत्वपूर्ण गतिविधियां तय की गयी हैं। पहला ‘वोकल फाॅर लोकल’ के अन्तर्गत पोषण के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य सामग्री का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रदेश में उपलब्ध मक्का, रागी, बाजरा तथा स्थानीय सब्जियों को प्राथमिकता दी जाए। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्राप्त करने वाले प्रत्येक लाभार्थी को सहजन का पेड़ दिया जा रहा है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कुपोषित बच्चों, बालिकाओं व धात्री महिलाओं को इसका सूप दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आई0सी0डी0एस0 श्रीमती वीना कुमारी मीना, सचिव महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग श्रीमती अनामिका सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां तथा सहायिकाएं उपस्थित थीं।

