आज जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर राजनीति और न्यायिक क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं। जस्टिस खन्ना अगले छह महीने से अधिक समय तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे और 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
उन्होंने जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया है, जो 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर हाल ही में सेवानिवृत्त हुए। जस्टिस खन्ना ने अपने करियर में सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड योजना को समाप्त करने और अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा बनकर अपनी विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में की थी और संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून में उनका विशेष अनुभव है। उन्होंने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी सेवाएं दीं और 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त हुए।
2005 में, उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया, और 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने, जिससे उनका न्यायिक सफर एक नई दिशा में बढ़ा। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 18 जनवरी 2019 को, बिना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने ही उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, जो उनके न्यायिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।