दिल्ली में ठंड की शुरुआत से पहले ही वायु प्रदूषण ने अपने पैर पसार लिए हैं। पिछले कुछ समय से जहरीली हवा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। स्वस्थ लोगों को भी खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं। आसमान पर धुंध की परत इतनी गहरी हो गई है कि खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली लगातार प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष स्थानों पर बनी हुई है, और खराब वायु गुणवत्ता के मामले में यह तीसरे स्थान पर है। आज सुबह 5:30 बजे दिल्ली का एक्यूआई 271 दर्ज किया गया।
प्रदूषण के हिसाब से दिल्ली का आनंद विहार क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित है। आज सुबह 5:30 बजे आनंद विहार का एक्यूआई 352 पर था, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। मंगलवार को भी स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं थी; सुबह 6:15 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 275 दर्ज किया गया था।
सर्दियों के आते ही दिल्ली की हवा और अधिक खराब होने की संभावना है। दिवाली से एक दिन पहले भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। भले ही पटाखों पर प्रतिबंध है, फिर भी हर साल हजारों लोग पटाखे चलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है। इस स्थिति का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। दिल्ली-एनसीआर की प्रदूषित हवा की प्रमुख वजह पंजाब, हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना भी है। हर साल दिवाली के आसपास खेतों में पराली जलाए जाने से दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है, और आसमान में धुंध की परत जम जाती है। दिवाली नजदीक है, और प्रदूषण का स्तर अब भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े बताते हैं कि 2021 से अब तक अक्टूबर में प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हुई है।