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भारत में ट्रैवलिंग का क्रेज दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, और इसकी वजह से देश की जीडीपी में ट्रैवलिंग का योगदान 6% तक पहुँच चुका है। इस ट्रेंड के कारण रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। पिछले कुछ समय से भारत में पैरानॉर्मल टूरिज्म का चलन भी बढ़ा है, जो लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है। खासकर, उन लोगों के लिए जो एडवेंचर और रोमांच पसंद करते हैं, पैरानॉर्मल टूरिज्म एक बेहतरीन अनुभव साबित हो सकता है।
पैरानॉर्मल टूरिज्म क्या है?
पैरानॉर्मल टूरिज्म का मतलब है, भूतिया या रहस्यमयी स्थानों पर घूमना और वहां होने वाली अनहोनी घटनाओं का अनुभव करना। इसमें लोग यह मानते हैं कि भूत-प्रेत, आत्माएं या अन्य अदृश्य शक्तियां आज भी इन स्थानों पर मौजूद हैं। ये टूरिज्म सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि साहसिक अनुभव भी होता है। हालांकि, यह कभी-कभी खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि इन जगहों पर जाने से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं और चेतावनियां होती हैं।
भारत के पैरानॉर्मल डेस्टिनेशन
- भानगढ़ किला (राजस्थान): राजस्थान का भानगढ़ किला एशिया की सबसे डरावनी जगहों में शुमार किया जाता है। यहां के बारे में मान्यता है कि एक तांत्रिक की आत्मा अभी भी इस किले में भटकती है। रात के समय यहां पायल की आवाजें सुनने की बातें भी कही जाती हैं। सूरज ढलने के बाद इस किले में जाने पर पाबंदी है।
- वाड़ा किला (पुणे): पुणे का वाड़ा किला भी एक रहस्यमयी जगह मानी जाती है। यहां शाम के समय जाने की मनाही है। कई लोग यहां रात के वक्त अजीब-अजीब आवाजें सुनने का दावा करते हैं।
- फिरोजशाह कोटला किला (दिल्ली): दिल्ली का फिरोजशाह कोटला किला भी एक भूतिया किला माना जाता है। माना जाता है कि इस खंडहर में जिन्न रहते हैं। यहां गुरुवार को लोग अर्जी लगाने आते हैं। इस किले के पास एक मस्जिद भी है, और यहां भी रात के समय जाने की चेतावनी दी जाती है।
पैरानॉर्मल टूरिज्म अब एक रोमांचक और साहसिक यात्रा का हिस्सा बन चुका है, जो रहस्यों और अजीब घटनाओं के प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।पैरानॉर्मल टूरिज्म क्या होता है?