दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक प्रेस वार्ता में अरविंद केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि दिल्ली के गरीब और असहाय लोगों का हक छीनने के लिए एक बड़ा घोटाला हो रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का एक विभाग है, दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रुवमेंट बोर्ड, जिसका उद्देश्य गरीबों को सहायता प्रदान करना और उनके लिए रैनबसेरे शेल्टर होम का प्रबंध करना है। यह कार्य मानवता की सेवा के तहत किया जाता है, लेकिन दिल्ली सरकार और उनके अधिकारियों के बीच मिलीभगत से इस सेवा में एक बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है।
क्या है पूरा मामला? वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि इस विभाग के अनुसार, हर शेल्टर होम में रहने वालों की देखभाल के लिए 5 से 6 केयरटेकर स्टाफ का वेतन ठेकेदारों या एनजीओ को दिया जाता है। लेकिन भाजपा की टीम की जांच में यह सामने आया कि कुछ शेल्टर होम में तो केवल 2 लोग ही काम करते हैं, जबकि उनके नाम पर 5-6 कर्मचारियों का वेतन लिया जा रहा है। इसके अलावा, कई शेल्टर होम में तो घोस्ट कर्मचारी पाए गए हैं, यानी जिनके नाम पर वेतन लिया जा रहा है, वे कर्मचारी असल में वहां काम नहीं कर रहे हैं।
बिना घूस और दलाली के कोई काम नहीं चलता- सचदेवा सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार में कोई भी काम बिना घूस, दलाली और कमीशन के नहीं होता है। भाजपा की जांच टीम ने पाया कि दिल्ली में 8 प्रमुख एनजीओ को शेल्टर होम के रख-रखाव का ठेका दिया गया है, और इन एनजीओ में से अधिकांश शेल्टर होम में केवल 2-3 कर्मचारी ही काम करते हैं, जबकि वेतन 5-6 लोगों के हिसाब से लिया जा रहा है। आगे की जांच में यह भी पता चला कि एक ही कर्मचारी के नाम पर कई शेल्टर होम में कर्मचारियों का रिकॉर्ड दर्ज है, और उनके आधार कार्ड और बैंक अकाउंट भी एक ही हैं।
250 करोड़ रुपये का घोटाला- सचदेवा सचदेवा ने दावा किया कि यह पूरा मामला लगभग 250 करोड़ रुपये के घोटाले का है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विभिन्न शेल्टर होम्स, जैसे दिल्ली गेट, लाहोरी गेट, तुर्कमान गेट, और मंगोलपुरी में एक ही आधार कार्ड पर 3 से 5 तनख्वाह दी जा रही हैं। उन्होंने इस घोटाले की जांच के लिए ए.सी.बी. और लोकायुक्त से शिकायत की है और इस मामले में अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रियों, विधायकों और संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है।
हर विभाग में भ्रष्टाचार- सचदेवा सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने पिछले दिनों सामने आए फर्जी जाति सर्टिफिकेट के मामले का भी उल्लेख किया और कहा कि सरकार के एनजीओ द्वारा किए जा रहे इस घोटाले में पूरी तरह से लूट चल रही है। उदाहरण के रूप में उन्होंने विजय कुमार का नाम लिया, जो एक ही समय में पांच शेल्टर होम में काम कर रहे थे, जबकि वह केवल एक ही जगह कार्यरत थे। उनका आधार कार्ड और बैंक अकाउंट भी एक ही था, और उनकी तनख्वाह अलग-अलग शेल्टर होम्स में जाती थी, जो बाद में आम आदमी पार्टी के नेताओं को कमीशन के रूप में वापस मिल रही थी।