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मखाना, जिसे फॉक्स नट या लोटस सीड भी कहा जाता है, एक अत्यधिक पौष्टिक और हेल्दी स्नैक है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं। हल्का होने के कारण मखाना सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है, चाहे वे बच्चे हों या बुजुर्ग। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि उम्र के हिसाब से मखाने की सही मात्रा क्या होनी चाहिए।
न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल का कहना है कि मखाना एक हल्का स्नैक समझकर इसे अधिक मात्रा में खाना ठीक नहीं है। अगर ज्यादा खाया जाए तो पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि किस उम्र में कितने मखाने खाए जाएं।
बच्चों के लिए:
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, छोटे बच्चों को मखाना सीमित मात्रा में देना चाहिए। बच्चों का पाचन तंत्र अभी विकसित हो रहा होता है, इस कारण उन्हें रोजाना केवल 5 मखाने दिए जा सकते हैं। अधिक मखाना खाने से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
10 साल तक के बच्चों के लिए:
इस उम्र तक के बच्चों को 15 मखाने दिए जा सकते हैं। इस उम्र में बच्चों का पाचन तंत्र थोड़ा अधिक मजबूत होता है, जिससे वे पोषक तत्वों को अच्छे से अवशोषित कर सकते हैं।
वयस्कों के लिए:
वयस्कों के लिए मखाना 15 से 20 ग्राम तक उपयुक्त होता है। हालांकि, यह मात्रा व्यक्ति के शारीरिक जरूरतों और सेहत के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है।
मखाने का सेवन कैसे करें:
मखाने को सीधे भी खा सकते हैं, लेकिन इसके अधिक फायदे लेने के लिए इसे दूध में उबालकर खाना अच्छा रहता है। इसे शहद और फलों के साथ भी खा सकते हैं, जिससे स्वाद के साथ पोषण भी मिलता है।
मखाना खाने के फायदे:
- मखाने में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- इसमें कम कैलोरी होती है और यह फाइबर से भरपूर होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
- मखाने में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होते हैं, और यह कब्ज को भी दूर करने में मदद करता है।