
उत्तर प्रदेश के सपा नेता और चिल्लूपार से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है। सोमवार सुबह ईडी ने एक साथ लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई समेत कई शहरों में उनके ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड से जुड़े करीब 700 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के मामले में की गई है।
10 ठिकानों पर एक साथ रेड
ईडी की टीमों ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज से जुड़ी करीब 10 जगहों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। जांच एजेंसी ने पहले से ही इस मामले में चार्जशीट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने निदेशकों, प्रमोटरों और गारंटरों की मिलीभगत से बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के समूह से कुल 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा ली। बाद में इस रकम को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया और बैंकों का भुगतान नहीं किया गया, जिससे बैंकों को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले नवंबर 2023 में ईडी ने विनय तिवारी की कुल 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था। इन संपत्तियों में आवासीय भूखंड, व्यवसायिक परिसरों के साथ-साथ कृषि भूमि भी शामिल थी।
सीबीआई ने की थी जांच की शुरुआत
घोटाले को लेकर सबसे पहले बैंकों ने सीबीआई से शिकायत की थी, जिसके बाद सीबीआई ने विनय तिवारी और उनकी कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की।
अब तक जब्त हो चुकी हैं 27 संपत्तियाँ
2023 में ही ईडी ने विनय तिवारी की गोरखपुर, लखनऊ और महराजगंज स्थित कुल 27 संपत्तियाँ जब्त की थीं। इनमें कृषि भूमि, रिहायशी परिसर, व्यवसायिक भवन और भूखंड शामिल थे।
यह मामला राज्य में बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है, और आने वाले दिनों में इससे जुड़ी और भी बड़ी कार्रवाइयाँ देखने को मिल सकती हैं।