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पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आबादी के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अति पिछड़े वर्गों (ईबीसी) से 70 उम्मीदवारों को टिकट देगी। वह यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री और ईबीसी समुदाय के एक प्रमुख नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।
प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज पार्टी का उद्देश्य है कि आबादी के हिसाब से हर वर्ग को राजनीति में उचित भागीदारी मिले। इसलिए, हम 70 उम्मीदवार अति पिछड़े वर्गों से उतारेंगे।” उन्होंने जनता दल (यू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का नाम लिए बिना कहा कि ये तीनों पार्टियां मिलकर भी 70 ईबीसी उम्मीदवार नहीं खड़ा कर पातीं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी न केवल इन उम्मीदवारों को टिकट देगी, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों का चुनाव खर्च भी उठाएगी, ताकि योग्य उम्मीदवार संसाधनों के अभाव में पीछे न रह जाएं।प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 40 महिलाओं को भी चुनाव में टिकट देगी।
शिक्षा और आरक्षण पर बोले प्रशांत किशोर
किशोर ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण को जारी रखने की वकालत करते हुए कहा कि जब तक वंचित समुदाय के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक वे आरक्षण का पूरा लाभ नहीं उठा पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा है। प्रशांत ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ईमानदार होने का दावा करते हैं, लेकिन हाल ही में उनके शासन में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को रिश्वत के रूप में भारी मात्रा में नकदी के साथ पकड़ा गया।
गरीब छात्रों के लिए मदद का वादा
प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन इसे दुरुस्त करने में समय लगेगा। तब तक, जन सुराज पार्टी उन गरीब छात्रों की मदद करेगी जो आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। बीपीएससी परीक्षा विवाद पर उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली हो रही है और सरकार ने पदों को बेचने की व्यवस्था बना रखी है। प्रशांत ने पिछले महीने इसी मुद्दे पर अनशन किया था, जिसे उन्होंने दो हफ्ते बाद समाप्त किया।
शिक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर बोलते हुए किशोर ने बिहार की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई और इसे सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही।