
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास स्थित खूबसूरत बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, मंगलवार को आतंकवाद की काली छाया में आ गई। एक भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही रोककर भारत वापसी की और एयरपोर्ट पर ही इस घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री आज कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक भी लेंगे।
सरकार द्वारा जारी सूची के अनुसार, मृतकों में सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र के पर्यटकों की है। कुल मृतकों में महाराष्ट्र के 6, कर्नाटक और गुजरात के 3-3, पश्चिम बंगाल के 2, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और मध्य प्रदेश से 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक नागरिक की भी मौत हुई है। हमले में 13 लोग घायल हुए हैं।
घायलों में शामिल लोग:
- वीनी भाई, गुजरात
- मानिक पटेल
- रिनो पांडे
- एस. बालचंद्रु, महाराष्ट्र
- डॉ. परमेश्वरम, तमिलनाडु
- अभिजवम राव, कर्नाटक
- संत्रू आगे, तमिलनाडु
- शशि कुमारी, ओडिशा
- बालचंद्रा, तमिलनाडु
- शोभित पटेल, मुंबई
हमलावरों की जानकारी: पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमला चार आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया, जिनमें से दो की पहचान हो गई है। एक का नाम आदिल गुरी है, जो 2018 में पाकिस्तान से वापस आया था। दूसरा आतंकी आसिफ शेख के नाम से पहचाना गया है। अन्य दो आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक बताए जा रहे हैं।
हमले की भयावहता: इस बर्बर हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने पहले पर्यटकों से नाम और धर्म पूछा। यदि संदेह हुआ, तो उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि के लिए कुछ लोगों के कपड़े तक उतरवाए। इस तरह की क्रूरता ने पूरे देश को झकझोर दिया है।