प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है। 2017 से पहले जहां केवल 18 जिलों में मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज प्रदेश के 64 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में प्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। एमबीबीएस और पीजी की सीटों की संख्या भी पहले के मुकाबले दोगुनी से अधिक हो गई है।
प्रदेश में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, क्योंकि बच्चों से जुड़ी बीमारियों का अनुभव मैंने खुद किया है। जब मैं सांसद था, तब इस मुद्दे को संसद और सड़कों पर उठाया था। अब सरकार बनने के बाद, डबल इंजन के प्रयासों से जल्द ही एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर साकार होगा। हमने जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से निपटने में भी सफलता पाई है, जो बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करती थी। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एसजीपीजीआई में विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के अवसर पर ये बातें कहीं। इससे पहले उन्होंने सलोनी हार्ट सेंटर, एडवांस डायबिटीज सेंटर, और टेली आईसीयू का निरीक्षण किया। सलोनी हार्ट सेंटर में 200 बेड की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने 1,147 करोड़ रुपये की लागत से बने एडवांस डायबिटीज सेंटर, टेली आईसीयू, सलोनी हार्ट सेंटर (प्रथम चरण), और मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज के छात्रावास का उद्घाटन किया। साथ ही, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, सलोनी हार्ट सेंटर (द्वितीय चरण) और रैन बसेरा का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई देश और प्रदेश का एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग एसजीपीजीआई में इलाज के लिए प्राथमिकता से आते हैं, लेकिन बेड की कमी एक बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 575 बेड्स की सुविधा प्रदान की जाएगी, जहां 22 विभागों की सेवाएं मिलेंगी। इनमें हार्मोनल, डायबिटीज, पीडियाट्रिक आईसीयू, इमरजेंसी पीडियाट्रिक जेनेटिक, और न्यूरोलॉजी जैसी सेवाएं एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी।
सलोनी हार्ट सेंटर के पहले चरण का शुभारंभ हो चुका है, और दूसरे चरण के लिए एमओयू भी साइन हो गया है। यह सेंटर 200 बेड की विश्वस्तरीय सेवाओं के साथ हर साल 5 हजार बच्चों की हार्ट सर्जरी करेगा, जिससे उन्हें एक स्वस्थ जीवन मिलेगा। साथ ही, 10 हजार बच्चों को सेकंड ओपिनियन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने सलोनी हार्ट फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद भी प्रकट किया।