Posted By : Admin

घर के इस दिशा में बनाएं किचन, दूर हो जाएगा वास्तु दोष

घर बनवाते या खरीदते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए। घर में शयनकक्ष यानी शयनकक्ष, स्नानघर और रसोईघर यानी रसोईघर का प्रमुख स्थान होता है। घर बनाते समय इन तीनों का सही दिशा में होना बहुत जरूरी है। आज के लेख में बात होगी रसोई के बारे में. रसोईघर घर के दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए। वास्तुशास्त्र में आग्नेय कोण यानी पूर्व और दक्षिण के बीच के स्थान को अग्नि स्थान कहा गया है इसलिए जो भी कार्य अग्नि से किया जाए वह इसी दिशा में होना चाहिए।

आग्नेय कोण में अग्नि की प्राकृतिक गंध और अग्नि में सृजन और विनाश दोनों की क्षमता होती है, इसलिए जब इस स्थान पर अग्नि जलती है तो आग्नेय मंडल का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। यदि इस स्थान पर आग कुछ वर्षों तक जारी रही तो स्वाभाविक है कि यहां का ज्वालामुखी मंडल गर्मी से भर जाएगा। जिन कार्यों के लिए अग्नि की आवश्यकता होती है, वे कार्य यहां किये जाते हैं।

Share This