मुजफ्फरनगर- भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है। चौधरी राकेश टिकट ने कहां है कि 16 फरवरी को किसान मजदूर व्यापारी और ट्रांसपोर्टर 16 फरवरी को एकजुट होकर भारत बंद को सफल बनाएं। सभी लोगों से यह अपील है कि वह 16 तारीख को अपने घरों में रहे जो गांव के किसान और मजदूर हैं वह भी शहर नहीं आए और ना कहीं बाहर जाए। 16 फरवरी को एग्रीकल्चर स्ट्राइक के रूप में संपूर्ण भारत बंद किया जाएगा
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसानों के सबसे बड़े नेता चौधरी राकेश टिकैत ने आज बुधवार सुबह मुजफ्फरनगर स्थित अपने आवास पर जानकारी देते हुए बताया है कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी किसान अपने ब्लॉक स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकाले। क्योंकि ट्रैक्टर किसने की शान है और टैंक भी इसलिए सभी किसान मजदूर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक अपने-अपने क्षेत्र में ट्रैक्टर मार्च निकालकर जिला प्रशासन को ज्ञापन देंगे। सभी किसान शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना विरोध जताए। चौधरी राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को भारत बैंड का ऐलान करते हुए बताया है कि 16 फरवरी को सभी किसान मजदूर व्यापारी और ट्रांसपोर्टर अमावस्या के रूप में मनाए क्योंकि अमावस्या के दिन कोई भी काम नहीं करना चाहिए इसलिए सभी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखें और भारत बंद को सफल बनाएं।
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर जितने भी किसान संगठन है और व्यापारी ट्रांसपोर्टर सभी लोग 16 फरवरी को एग्रीकल्चर स्ट्राइक के रूप में भारत बंद को सफल बनाएं। भारत बैंड का ऐलान इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार ने जो किसानों से वादे किए थे वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं एसपी पर गारंटी कानून नहीं बना गन्ने का जो भुगतान है वह भी बकाया है और जो ₹20 गन्ना मूल्य बढ़ाया गया है वह किसानों के हित में नहीं है। सरकार किसान विरोधी काम कर रही है इसलिए 16 फरवरी को संपूर्ण भारत बंद किया जाएगा मेरी किसानों व्यापारियों और आम लोगों से अपील है कि 16 फरवरी को सभी लोग गांव से शहर नहीं आए और जो शहर के लोग हैं वह भी अपने घरों में रहे बिना वजह कार्य के चलते बाहर न निकले। राहुल गांधी के मंदिर में नो एंट्री पर चौधरी राकेश टिकैत ने बोलते हुए कहा है कि जब राहुल गांधी ने परमिशन ले ली थी उसके बावजूद भी उन्हें मंदिर में नहीं जाने दिया गया तो क्या केवल मंदिर बीजेपी के रहेंगे या यह मंदिर सरकारी हो गए हैं।