
उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन गैंगस्टर अतीक अहमद का खौफ इतना था कि जब भी उसकी नजर किसी जमीन या इमारत पर पड़ती तो वह जमीन उसकी हो जाती थी। फिर उसने इसकी कीमत चुकानी चाही। लेकिन प्रयागराज कमिश्नरी लागू होने के बाद माफियाओं के बुरे दिन शुरू हो गए और साल 2023 में माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई. इसके साथ ही उसके गिरोह के सदस्यों के बुरे दिन भी शुरू हो गये. वहीं, प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति सरकारी खजाने में दर्ज की है. यह फैसला गैंगस्टर कोर्ट ने सुनाया।
माफिया अतीक अहमद और उनके परिवार और गुर्गों की 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अभी तक कुर्क नहीं की गई है. माफिया अतीक अहमद के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर के 2020 के मुकदमे की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अतीक के पास एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में करीब 25 बीघे जमीन है. यह जमीन अनुसूचित जाति के राजमिस्त्री हुबलाल के नाम थी। यह जमीन अतीक ने कटहुला गौसपुर में खरीदी थी। जमीन की सरकारी कीमत करीब 12.42 करोड़ रुपये और बाजार कीमत करीब 50 करोड़ रुपये है. पूछताछ में हुबलाल ने पुलिस को बताया कि 2015 में उसे धमकी दी गयी थी और जमीन उसके नाम लिख ली गयी थी.