पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर, लाहौर, अक्सर अत्यधिक प्रदूषण से प्रभावित रहता है। हाल ही में यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 1900 के करीब पहुंच गया है, जिससे हालात गंभीर हो गए हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लाहौर के लोगों को फेफड़ों के संक्रमण और कई अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। स्विस समूह IQAir और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार के अनुसार, लाहौर इस समय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। भारत और पाकिस्तान की सीमा के निकट स्थित इस शहर में इतना ज्यादा प्रदूषण चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने इसका दोष भारत पर डालते हुए कहा है कि भारत से आने वाली हवाएं इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। पंजाब प्रांत की वरिष्ठ मंत्री, मरियम औरंगजेब का कहना है कि इस समस्या का समाधान भारत के साथ बातचीत के बिना नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने बताया कि वे इस विषय में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारत के साथ संवाद स्थापित करेंगे।
लाहौर में जो स्मॉग है, वह दिल्ली-एनसीआर के स्मॉग जैसा ही है। उत्तर भारत के कई शहरों में भी सर्दियों की शुरुआत के समय प्रदूषण बढ़ता है। ठंड के दौरान हवा की गति कम हो जाती है और वातावरण में नमी बढ़ने से प्रदूषणकारी तत्व हवा में ही स्थिर हो जाते हैं। इसी के चलते लाहौर में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और प्रशासन ने इसे देखते हुए कई आपातकालीन कदम उठाए हैं।
लाहौर प्रशासन ने प्राइमरी स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए, प्रशासन ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और घरों में ही रहने का आग्रह किया गया है। सभी अस्पतालों में स्मॉग से संबंधित समस्याओं के लिए विशेष काउंटर बनाए गए हैं ताकि बीमार लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।