
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास पर दबाव बनाए रखने के पक्ष में हैं और बंधकों की रिहाई को लेकर हमलों में कोई ढील देने के मूड में नहीं हैं। इस संबंध में उन्होंने सैन्य कार्रवाई बढ़ाने का आदेश दिया है। इजरायली सेना ने बुधवार को पुष्टि की कि उसके सैनिकों ने मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में जमीनी अभियान फिर से शुरू कर दिया है। इससे एक दिन पहले हुए हवाई हमलों में कम से कम 48 फलस्तीनी मारे गए थे।
इजरायली सेना के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य नेत्जारिम कॉरिडोर पर इजरायल की पकड़ मजबूत करना है। यह कॉरिडोर गाजा को दो हिस्सों में विभाजित करता है और इजरायल इसे आंशिक बफर जोन के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। इस बीच, फलस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास ने इस सैन्य कार्रवाई को दो महीने पुराने युद्धविराम समझौते का गंभीर उल्लंघन बताया है।
संयुक्त राष्ट्र की साइट पर हमला, विदेशी कर्मचारी की मौत
संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी कि बुधवार को गाजा के मध्य क्षेत्र में स्थित उसकी एक साइट पर हमले में एक विदेशी कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन इजरायल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि हमला हमास की उस साइट पर हुआ था, जहां से इजरायली क्षेत्र पर हमले की तैयारी की जा रही थी।
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि गाजा में बंधकों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो इजरायल पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक कार्रवाई करेगा। बुधवार को गाजा में सैन्य हमलों के दूसरे दिन 20 फलस्तीनी मारे गए, जबकि इससे पहले 400 लोगों की मौत हो चुकी थी।
गाजा के नागरिकों को खाली करने की चेतावनी
इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के बेत हनून और खान यूनिस इलाकों में पर्चे गिराए, जिनमें स्थानीय लोगों को तुरंत वहां से निकलने की चेतावनी दी गई। सेना के अनुसार, इन क्षेत्रों में हमास द्वारा इजरायली इलाकों पर हमले की योजना बनाई जा रही थी।इस बीच, पेरिस में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर युद्धविराम की बहाली की अपील की।