
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्र संघ ने मंगलवार से कक्षाओं का बहिष्कार करने और अनिश्चितकालीन विरोध शुरू करने का एलान किया है। इससे पहले आज बीजेपी विधायक पायल शंकर और महेश्वर रेड्डी को पुलिस ने हिरासत में लिया, जो यूनिवर्सिटी कैंपस जाने वाले थे।
रविवार को भी यूनिवर्सिटी कैंपस में तनाव की स्थिति बनी जब पुलिस ने एक भूखंड को साफ करने के लिए मिट्टी हटाने वाली मशीनें लाने का विरोध कर रहे छात्रों को हिरासत में लिया। बाद में इन छात्रों को देर रात रिहा कर दिया गया। इस घटना के बाद एक राजनीतिक विवाद उभरा है। तेलंगाना सरकार उस भूखंड को विकसित करने का प्रस्ताव रख रही है, जिसमें आईटी पार्क की स्थापना भी शामिल है। यह भूमि कांचा गचीबोवली में स्थित है और हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास है। कुछ छात्र और अन्य लोग पर्यावरणीय चिंताओं के चलते इस भूमि की नीलामी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।
छात्रों ने बताया कि जब उन्होंने मौके पर बुलडोजर देखा, तो वे वहां पहुंचे और मशीनों पर चढ़ गए। उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और उनकी वापसी की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों को हिरासत में लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 53 छात्रों को एहतियातन हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकारी कार्य में रुकावट डालने की कोशिश की और कुछ ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया।
अब सवाल यह उठता है कि यह 400 एकड़ भूमि विवाद क्या है। तेलंगाना सरकार इस भूमि का उपयोग आईटी पार्क और अन्य बुनियादी ढांचों के विकास के लिए करने की योजना बना रही है। कांचा गचीबोवली में स्थित इस भूमि का प्रस्ताव 19 जून 2024 को तेलंगाना औद्योगिक अवसंरचना निगम (TGIIC) द्वारा पेश किया गया था, और 24 जून को राज्य सरकार ने इसे मंजूरी दी। लेकिन विश्वविद्यालय के छात्र और अन्य वर्ग पर्यावरणीय समस्याओं को लेकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस परियोजना से स्थानीय इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और सरकार पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान नहीं दे पा रही है।