
जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े स्तर पर बदलाव किया गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के 48 अधिकारियों के तबादले और नई नियुक्तियों के आदेश जारी किए हैं। इस फैसले से प्रदेश की राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है, क्योंकि इसे नौकरशाही पर नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस फेरबदल में 14 अतिरिक्त उपायुक्त और 26 सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। जिन जिलों में अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें पुलवामा, बसोहली, कुपवाड़ा, डोडा, सुंदरबनी, अनंतनाग, नौशेरा, राजौरी, बारामूला, कठुआ, श्रीनगर, गांदरबल, भद्रवाह और हंदवाड़ा शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने मंगलवार को इन तबादलों के आदेश जारी किए, जो ऐसे समय में आया है जब सरकार अपनी कार्य नियमावली के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रही थी।
पिछले साल भी हुए थे प्रशासनिक बदलाव
जम्मू-कश्मीर में बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनावों से पहले, पिछले वर्ष जुलाई में गृह मंत्रालय ने ‘‘कार्य संचालन नियमों’’ में संशोधन किया था। इस संशोधन के तहत पुलिस, कानून-व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवाओं (आईएएस, आईपीएस) और अभियोजन स्वीकृति से जुड़े मामलों में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ा दिया गया था।
नए कार्य नियमों की मंजूरी का इंतजार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 6 मार्च को राज्य सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक प्रशासनिक स्पष्टता बनाए रखने के लिए कार्य नियमावली तैयार करना आवश्यक था। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में समय लगा, लेकिन 5 मार्च की रात को कैबिनेट की बैठक बुलाकर इसे अंतिम रूप दे दिया गया और मंत्रिपरिषद ने इसकी मंजूरी दे दी। अब इसे उपराज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया है, और सरकार को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला इससे पहले जम्मू-कश्मीर में चल रहे दोहरे शासन मॉडल की आलोचना कर चुके हैं और इसे “विनाशकारी” करार दिया था।