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दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की असली वजह क्या है? CAG रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श शुरू हो गया है। इसे लेकर विधानसभा में विशेष चर्चा भी की गई। हाल ही में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारणों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदूषण नियंत्रण तंत्र की खामियों की वजह से स्थिति और अधिक बिगड़ रही है।

प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली में बड़ी खामियां

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण वाहनों से जुड़ी अनियमितताएं, वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली की अविश्वसनीयता और प्रदूषण नियंत्रण उपायों का खराब क्रियान्वयन है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसमें यह उजागर किया गया कि नीतिगत कमियों, कमजोर क्रियान्वयन और एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के कारण दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है।

पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने में लापरवाही

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 1.08 लाख से अधिक वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र जारी किए गए, जबकि वे निर्धारित सीमा से अधिक प्रदूषक उत्सर्जित कर रहे थे। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और हाइड्रोकार्बन (HC) जैसे हानिकारक तत्व शामिल हैं।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि कई बार एक ही समय में कई वाहनों को प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया, और कुछ मामलों में तो एक या दो मिनट के भीतर ही प्रमाण पत्र दे दिए गए। इसमें बड़ी संख्या में निजी और व्यावसायिक वाहन शामिल थे।

डीजल वाहनों को भी मिली छूट

सीएजी की इस रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मजबूत नीतियों और प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है। प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू किए बिना इस समस्या से निपटना मुश्किल होगा।

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