
शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा संचालित दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए कि वह निजी स्कूलों को मनमर्जी से फीस बढ़ाने की छूट दे रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को “शिक्षा माफिया” के हवाले कर दिया है।
सिसोदिया ने कहा, “जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार आई है, आम जनता को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। न अस्पतालों में दवाएं मिल रही हैं, न बिजली की आपूर्ति सुचारु है, और अब निजी स्कूलों की फीस में भारी इजाफा कर अभिभावकों को आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है।” उन्होंने दावा किया कि कुछ निजी स्कूलों ने अपनी फीस में 20% से लेकर 82% तक की बढ़ोतरी की है, और सरकार इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही।
AAP नेता आतिशी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में जब 2015 में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, तो निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर रोक लगाई गई थी। लेकिन अब भाजपा के शासन में इन स्कूलों को एक बार फिर खुलकर फीस बढ़ाने की छूट दे दी गई है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच CBI से कराई जाए।
आम आदमी पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि पिछले दस वर्षों से जिन स्कूलों ने फीस नहीं बढ़ाई थी, वे अब भाजपा के सत्ता में आने के महज एक महीने के भीतर कैसे फीस बढ़ाने लगे। क्या इसके पीछे भाजपा सरकार की मिलीभगत है?
शुक्रवार को, पूर्व मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए एक समाचार पत्र की रिपोर्ट दिखाई, जिसमें द्वारका के एक निजी स्कूल द्वारा की गई फीस वृद्धि का जिक्र था। केजरीवाल ने लिखा, “हमने पिछले 10 सालों में शिक्षा माफिया को खत्म किया और निजी स्कूलों को नियंत्रण में रखा। लेकिन भाजपा सरकार आते ही एक महीने के अंदर ही शिक्षा माफिया दोबारा सक्रिय हो गया।”
इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर शिक्षा को लेकर गर्मी ला दी है, जहां एक ओर आम आदमी पार्टी शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता की बात कर रही है, वहीं भाजपा सरकार पर सवाल उठ रहे हैं