
सियोल: उत्तर कोरिया एक बार फिर बौखला गया है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में उसने तुरंत ही विमानभेदी मिसाइल दाग दी। खबरों के अनुसार, इस अभ्यास के दौरान कई सुरंगों को नष्ट किया गया, जिससे उत्तर कोरिया को अपने परमाणु हथियारों पर खतरा महसूस हुआ। इसी के चलते उसने आनन-फानन में नई मिसाइल का परीक्षण कर डाला।
उत्तर कोरिया की इस कार्रवाई से न केवल उसके पड़ोसी देशों में बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में भी हलचल मच गई है। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने नई विमानभेदी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब उत्तर कोरिया पहले ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यासों के खिलाफ गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुका था।
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच गहरी दुश्मनी
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के संबंध हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अक्सर अपने आक्रामक फैसलों से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के लिए सिरदर्द बन जाते हैं। दोनों देशों के बीच संबंध इस हद तक खराब हैं कि यदि दक्षिण कोरिया और अमेरिका उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, तो किम जोंग उन उनसे भी बड़ा कदम उठाने में देर नहीं लगाते। यही वजह है कि उत्तर कोरिया किसी भी उकसावे के जवाब में तुरंत मिसाइल परीक्षण कर देता है।
उत्तर कोरिया को अमेरिका और दक्षिण कोरिया से क्यों है परेशानी?
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच टकराव नया नहीं है, लेकिन अमेरिका से उसकी दुश्मनी मुख्य रूप से दक्षिण कोरिया को दिए जाने वाले अमेरिकी समर्थन के कारण है। जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया मिलकर सैन्य अभ्यास करते हैं, तो उत्तर कोरिया इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। यही कारण है कि वह इसका जवाब मिसाइल परीक्षणों से देता है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के मुताबिक, तानाशाह किम जोंग उन की मौजूदगी में गुरुवार को ये मिसाइल परीक्षण किए गए। सरकार का दावा है कि ये मिसाइलें उत्तर कोरिया की रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
तीन महीनों में छह बड़े मिसाइल परीक्षण
उत्तर कोरिया की आक्रामक नीति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल अब तक वह छह बार मिसाइल परीक्षण कर चुका है। इस बार मिसाइल परीक्षण ठीक उसी दिन किया गया, जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपना वार्षिक ‘फ्रीडम शील्ड कमांड पोस्ट’ सैन्य अभ्यास पूरा किया था। उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि वह किसी भी खतरे का करारा जवाब देने के लिए तैयार है।
परमाणु हथियारों पर मंडराते खतरे से डरा उत्तर कोरिया
अमेरिका और दक्षिण कोरिया का दावा है कि उनका सैन्य अभ्यास सिर्फ रक्षा से जुड़ा हुआ है, लेकिन उत्तर कोरिया इसे अपने अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया का यह संयुक्त सैन्य अभ्यास वास्तव में उसके परमाणु हथियारों को नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने दोबारा ऐसी “भड़काऊ हरकतें” कीं, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उत्तर कोरिया के इस आक्रामक रवैये ने एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव को बढ़ा दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस स्थिति का कैसे जवाब देते हैं।