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लोकसभा में कल वक्फ संशोधन बिल पर होगी चर्चा, NDA और INDIA के संख्याबल का क्या है अंतर ?

वक्फ संशोधन विधेयक को बुधवार को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा, जबकि विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सदन में हंगामे की संभावना जताई जा रही है। विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा का समय प्रस्तावित है, जिसके बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू जवाब देंगे और फिर विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी प्राप्त करेंगे। इस बिल के बारे में सत्ता पक्ष और विपक्ष की राय को जानने से पहले, आइए जानते हैं लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के संख्याबल का क्या हाल है।

विधेयक पर विभिन्न दलों का दृष्टिकोण

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जो आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रश्नकाल के बाद विधेयक को चर्चा के लिए रखा जाएगा और इसके बाद राज्यसभा को इसकी सूचना दी जाएगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए रिजिजू ने कहा कि कुछ दल चर्चा से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं।

भा.ज.पा. नेताओं के बयान

भा.ज.पा. सांसद अरुण गोविल ने कहा कि यह विधेयक बेहद महत्वपूर्ण है और संवेदनशीलता के साथ इसे तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि सब कुछ संविधान के दायरे में हो रहा है। वहीं, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और यदि कुछ लोग वक्फ बोर्ड के जरिए संपत्ति के मालिक बन गए हैं, तो उन्हें समस्या हो सकती है।

तेजस्वी यादव का बयान

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने विधेयक को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि उनका दल संविधान का सम्मान करता है और वे इस विधेयक का विरोध करेंगे, जैसा कि उन्होंने पहले दोनों सदनों में किया था। यादव ने कहा कि यह विधेयक कभी भी मंजूर नहीं होगा, क्योंकि भाजपा सरकार देश के असली मुद्दों जैसे नौकरी, महंगाई, और अर्थव्यवस्था पर चर्चा नहीं करती।

असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक पर बहस में हिस्सा लेगी और इसमें संशोधन प्रस्तुत करेगी। ओवैसी ने इस विधेयक को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि यह मुसलमानों के धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और उन्हें दान देने की परंपरा से वंचित करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी इस मुद्दे को ठीक से समझ नहीं पा रहे हैं, लेकिन जनता उन्हें समझा देगी।

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