
महाराष्ट्र के नागपुर समेत पूरे विदर्भ क्षेत्र में भीषण गर्मी ने दस्तक दे दी है। अप्रैल के दूसरे हफ्ते में ही तापमान ने तेज़ी से चढ़ना शुरू कर दिया है और विदर्भ के अधिकतर जिलों में पारा 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में तापमान और अधिक बढ़ सकता है और इसके 44 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना जताई जा रही है।
गर्मी की यह लहर अप्रैल की शुरुआत से ही बनी हुई है और अब पहली बार तापमान ने 42 डिग्री का आंकड़ा पार कर लिया है। नागपुर का तापमान 2 डिग्री की बढ़त के साथ 42.02 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि अकोला सबसे गर्म रहा जहाँ पारा 43.9 डिग्री पर पहुंच गया। चंद्रपुर, बुलढाणा, वर्धा, यवतमाल और नागपुर समेत अन्य जिलों में भी गर्मी का कहर साफ देखा जा सकता है।
लोग इस झुलसाने वाली गर्मी से राहत पाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। कोई सिर पर स्कार्फ बाँध रहा है तो कोई छाता लेकर चल रहा है, वहीं नींबू पानी, नारियल पानी और अन्य ठंडे पेय पदार्थों का सेवन भी खूब किया जा रहा है ताकि शरीर को ठंडक मिल सके। दोपहर के समय तेज धूप के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है और लोग केवल ज़रूरी कामों के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान और अधिक बढ़ सकता है। फिलहाल विदर्भ के कई जिलों में तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। नागपुर, अकोला, अमरावती, ब्रह्मपुरी और यवतमाल जैसे शहरों में गर्मी का असर अधिक महसूस किया जा रहा है।
वैज्ञानिक आर. बाल सुब्रमण्यम ने बताया कि पिछले सप्ताह की हल्की बारिश के बाद अब मौसम साफ है, जिससे सूरज की तेज़ किरणों के कारण तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पश्चिमी विदर्भ में तापमान सामान्य से 4 डिग्री तक अधिक दर्ज किया जा सकता है और आने वाले कुछ दिन और अधिक गर्म रहेंगे।
गर्मी से बचाव के उपाय
अगर तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो अप्रैल के अंत और मई में गर्मी अपने चरम पर पहुंच सकती है। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ज़्यादा से ज़्यादा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें ताकि शरीर डिहाइड्रेट न हो। दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें, और अगर ज़रूरी हो तो सिर को स्कार्फ या टोपी से ढकें और छाता साथ रखें। हल्के और सूती कपड़ों का उपयोग करें और शरीर को ठंडा रखने के लिए घर के अंदर रहें।
इस तरह की गर्मी से सतर्क रहना और आवश्यक उपाय करना बेहद जरूरी है, वरना लू और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।