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जापान में तबाही मचाएगा महाभूकंप, बड़े नुकसान की आशंका

टोक्यो: म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता के भूकंप से मची तबाही के बाद अब जापान में एक अत्यंत शक्तिशाली “महाभूकंप” (Megaquake) की चेतावनी जारी की गई है। इस चेतावनी ने न सिर्फ जापान, बल्कि पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। खबरों के मुताबिक, इस विनाशकारी भूकंप में लगभग 3 लाख लोगों की मौत होने की आशंका जताई गई है, जिससे इसके भयावह प्रभावों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान संभावित
जापानी सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस महाभूकंप से देश को 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। जापान भौगोलिक रूप से “रिंग ऑफ फायर” नामक क्षेत्र में स्थित है, जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण बार-बार भूकंप आते रहते हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, दुनिया के 81% सबसे बड़े भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं।

2011 में जापान पहले भी झेल चुका है भयंकर भूकंप और सुनामी

11 मार्च 2011 को जापान में 9.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जो जापान के इतिहास में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप ने एक भीषण सुनामी को जन्म दिया, जिससे 19,729 लोगों की जान चली गई और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में गंभीर दुर्घटना हुई।

जापानी भूकंप टास्क फोर्स की नई रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में आने वाले “नानकाई ट्रफ मेगाक्वेक” की तीव्रता 8 से 9 के बीच हो सकती है। इस भूकंप में 2,98,000 लोगों की मौत होने की संभावना जताई गई है, जिनमें से 2,15,000 मौतें सुनामी की ऊंची लहरों के कारण हो सकती हैं।

क्या है नानकाई ट्रफ और क्यों है यह खतरनाक?

नानकाई ट्रफ जापान के मुख्य भूमि के दक्षिणी तट पर स्थित एक गहरी समुद्री खाई है। यह अमूर, ओखोटस्क और फिलीपीन सागर प्लेटों की सीमा पर स्थित है, जहां हर 100 से 150 साल में बड़े भूकंप आते हैं।

पिछली बार नानकाई ट्रफ में बड़े भूकंप 1944 और 1946 में दर्ज किए गए थे। विशेषज्ञों को लंबे समय से आशंका है कि इस क्षेत्र में एक और महाभूकंप किसी भी समय आ सकता है। जापान ने 2012 में भी इस संभावित भूकंप को लेकर चेतावनी जारी की थी।

98 फीट ऊंची सुनामी लहरों का खतरा, 30 साल के भीतर आ सकता है भूकंप

हालांकि, जापानी सरकार ने इस भूकंप का सटीक समय नहीं बताया, लेकिन अगले 30 वर्षों के भीतर इसके आने की संभावना जताई गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे भीषण स्थिति में जापान के भूकंपीय तीव्रता पैमाने पर उच्चतम स्तर 7 का सामना करना पड़ सकता है, जिससे 98 फीट (30 मीटर) से अधिक ऊंची सुनामी लहरें उठ सकती हैं।

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, इस स्तर के भूकंप में लोगों का खड़ा रहना भी असंभव हो जाएगा और कमजोर इमारतें पूरी तरह ढह सकती हैं।

भविष्यवाणी से बढ़ी चिंता – क्या जुलाई 2025 में आएगा महाभूकंप?

जापान में इस चेतावनी के बाद एक पुरानी मंगा (कॉमिक) भविष्यवाणी की भी चर्चा होने लगी है। 1999 में प्रकाशित एक कार्टूनिस्ट लेखक की कॉमिक में दावा किया गया था कि जुलाई 2025 में एक भयानक प्राकृतिक आपदा जापान को तबाह कर देगी।

इस कॉमिक में बताया गया था कि जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र तल में एक विस्फोट होगा, जिससे जापान का एक-तिहाई हिस्सा जलमग्न हो सकता है। इसमें 2011 की सुनामी से तीन गुना बड़ी सुनामी आने की भविष्यवाणी भी की गई थी।

ताइवानी पत्रिका “ग्लोबल व्यूज़ मंथली” के अनुसार, इस कॉमिक में 15 भविष्यवाणियों में से 10 सच साबित हो चुकी हैं, जिनमें कोविड-19 महामारी भी शामिल है।

क्या जापान इस आपदा के लिए तैयार है?

जापानी सरकार और वैज्ञानिक संस्थान इस संभावित महाभूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपदा प्रबंधन उपायों पर काम कर रहे हैं। फिर भी, इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा से बचाव एक चुनौती बना हुआ है।

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