
जहां सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) जल्द ही 2024 बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी करने वाला है, वहीं दूसरी ओर, उसने नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बड़ा बदलाव किया है। नए सत्र के लिए न सिर्फ सिलेबस अपडेट किया गया है, बल्कि टीचिंग मेथड, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर भी अहम फैसले लिए गए हैं। इस बार केवल किताबों में बदलाव नहीं किया गया, बल्कि पूरे एजुकेशन सिस्टम में कुछ नए सुधार लाए गए हैं।
10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार
इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा फरवरी में होगी और दूसरी अप्रैल में। इसका फायदा यह होगा कि अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाता या असफल हो जाता है, तो उसे पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि वह अप्रैल में दोबारा परीक्षा देकर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकता है। हालांकि, कक्षा 12वीं की परीक्षा पहले की तरह साल में एक ही बार होगी।
नया ग्रेडिंग सिस्टम
सीबीएसई ने ग्रेडिंग प्रणाली में भी बदलाव किया है। अब 10वीं और 12वीं के छात्रों के परिणाम 9-पॉइंट स्केल के आधार पर जारी किए जाएंगे। यानी अब A1, A2, B1 जैसी ग्रेडिंग प्रणाली की जगह 9 प्वाइंट स्केल लागू होगा। प्रत्येक 8 छात्रों में से एक को एक ग्रेड स्लॉट मिलेगा, जिससे ग्रेडिंग प्रणाली अधिक समावेशी और संतुलित होगी।
स्किल-बेस्ड शिक्षा पर जोर
सीबीएसई बोर्ड ने स्कूली शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और स्किल-ओरिएंटेड बनाने के लिए कई नए विषयों को शामिल किया है।
- कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषय जोड़े गए हैं, ताकि वे आधुनिक तकनीक से जुड़ सकें।
- कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों को अब हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक भाषा को अनिवार्य रूप से चुनना होगा।
- कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोशिएट, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्विटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन जैसे चार नए स्किल-बेस्ड कोर्स जोड़े गए हैं।
- इसके अलावा, कक्षा 12वीं के छात्रों को अब बोर्ड परीक्षा में बेसिक कैलकुलेटर के उपयोग की अनुमति होगी।
फेल होने पर क्या होगा?
कक्षा 10वीं में पास होने के लिए छात्रों को कम से कम 33% अंक लाने होंगे। यदि कोई छात्र किसी विषय में फेल हो जाता है, तो उसे दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, अब एक नई सुविधा दी गई है—अगर कोई छात्र किसी मुख्य विषय (जैसे गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान) में फेल हो जाता है, तो उसके स्किल-बेस्ड या वैकल्पिक भाषा विषय के अंक उस फेल हुए विषय के स्थान पर जोड़े जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र गणित में फेल होता है, लेकिन उसने किसी स्किल-बेस्ड विषय में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, तो वे अंक गणित के स्थान पर उपयोग किए जा सकते हैं।
सीबीएसई के ये नए बदलाव छात्रों के लिए अधिक लचीले और व्यावहारिक विकल्प प्रदान करेंगे, जिससे वे अपनी पढ़ाई को तनावमुक्त और अधिक प्रभावी बना सकेंगे।