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मणिपुर में अशांति खत्म करने हेतु केंद्र सरकार ने मेइती-कुकी पक्षों के साथ की चर्चा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को मणिपुर के दो प्रमुख समुदायों – मेइती और कुकी – के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य राज्य में लंबे समय से जारी अशांति को समाप्त कर शांति स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाना था। सूत्रों के अनुसार, यह चर्चा मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा का सौहार्दपूर्ण हल तलाशने के लिए केंद्र की पहल का हिस्सा थी।

इस बैठक में दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने और सहयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। साथ ही मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए रणनीति तैयार करने पर भी बातचीत हुई। मेइती समुदाय की ओर से ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (AMUCO) और फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन (FOCS) समेत छह प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं, कुकी समुदाय की ओर से लगभग नौ प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया। केंद्र की ओर से खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक ए. के. मिश्रा भी वार्ताकार के रूप में मौजूद रहे।

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लोकसभा में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करते हुए जानकारी दी थी कि गृह मंत्रालय पहले भी दोनों समुदायों के संगठनों के साथ संवाद कर चुका है। उन्होंने कहा था कि जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी। इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में कोई हिंसक मौत नहीं हुई है, जो स्थिति के नियंत्रण में होने का संकेत है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि विस्थापित लोगों के राहत शिविरों में होने के चलते इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता।

राष्ट्रपति शासन की पृष्ठभूमि:
मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 9 फरवरी को दिए गए इस्तीफे के बाद 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। हालांकि राज्य विधानसभा को भंग नहीं किया गया है, बल्कि उसे निलंबित कर दिया गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है। मई 2023 में हुई हिंसा में अब तक करीब 260 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों हथियार थानों से लूट लिए गए थे।

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, जिन्होंने 3 जनवरी को पदभार संभाला था, तब से विभिन्न वर्गों से मिलकर राज्य में स्थिति सामान्य करने के प्रयासों में जुटे हैं। उन्होंने हथियार लूटने वालों से आत्मसमर्पण की अपील की है।

सुरक्षा और आवागमन की स्थिति:
हालांकि केंद्र सरकार ने सामान्य आवागमन बहाल करने की कोशिश की, लेकिन कुकी समुदाय के विरोध के कारण यह संभव नहीं हो सका। वर्तमान में मेइती और कुकी समुदाय एक-दूसरे के क्षेत्रों में जाने से परहेज करते हैं। कुकी समुदाय के लोग राज्य से बाहर जाने के लिए आमतौर पर मिजोरम का रास्ता अपनाते हैं, जबकि मेइती समुदाय कुकी-प्रभुत्व वाले इलाकों में नहीं जाते।सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मणिपुर में स्थायी शांति और सामान्य स्थिति की बहाली है, जिसके लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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