भाद्रपद माह में 29 सितंबर से पितृपक्ष प्रारंभ नहीं हो रहा है। हिंदू धर्म में इसे विशेष महत्व दिया गया है। पितृ पक्ष के 16वें दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण आदि किया जाता है। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं। उन्हें जीवन में सुख, संपत्ति और वैभव प्राप्त हुआ। लेकिन अगर इस दौरान कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो व्यक्ति को पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को कई बार पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, श्राद्ध कर्म को सही ढंग से करने के अलावा अन्य बातों पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। ये छोटी-छोटी गलतियां इंसान की जिंदगी में तूफान ला देती हैं। पितृ पक्ष के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। इस दौरान रसोई में कुछ धातुओं का प्रयोग वर्जित होता है।
लोहे के बर्तनों का न करें इस्तेमाल
भूलकर भी भूलकर पितृ पक्ष के दौरान रसोई में लोहे के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दौरान लोहे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में लोहे के बर्तन में खाना बनाने से पितृ नाराज हो जाते हैं। दरअसल, पितृपक्ष के दौरान लोहे के बर्तनों में खाना पकाने से पितर संतुष्ट नहीं हो पाते हैं, यही कारण है कि इस दौरान लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती.