आजकल खर्राटे लेने को लेकर पति-पत्नी स्लीप डिवोर्स कर रहे हैं यानी कपल्स रात में अलग-अलग समय पर अलग-अलग बिस्तर पर सो रहे हैं। वहीं, अमेरिका में स्लीप डिवोर्स लेने वाले जोड़ों की संख्या 20% से ज्यादा है। खर्राटे लेने वाला हर चौथा व्यक्ति स्लीप एपनिया का शिकार हो सकता है, जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा बीमारी बन सकती है।
साथ ही हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और हाइपरटेंशन-शुगर का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही हमारे देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं।
ये है खर्राटों का कारण
खर्राटे ऊतक कंपन और कंपन के कारण होते हैं। नींद के दौरान, मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे वायुमार्ग सिकुड़ जाता है, और जब हम सांस लेते और छोड़ते हैं, तो हवा ऊतकों को फड़फड़ाने और फिर आवाज करने का कारण बनती है। कुछ लोगों के गले में मांसपेशियों और ऊतकों के आकार के कारण खर्राटे आने की संभावना अधिक होती है।
येे है उपाय
वजन घटाएं
वर्कआउट करें
भूख से कम खाएं
गर्दन की एक्सरसाइज़ करें