
इजरायल ने मंगलवार सुबह गाजा पर भीषण हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 200 लोगों की मौत हो गई। यह हमला जनवरी में युद्धविराम लागू होने के बाद से गाजा पर इजरायल का सबसे बड़ा और घातक हमला माना जा रहा है। इस घटना के बीच व्हाइट हाउस की ओर से भी एक बयान जारी किया गया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज के “हैनिटी” शो में बताया कि इजरायल ने गाजा में किए गए इन हमलों के बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया था।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि हमास, हूती, ईरान और वे सभी जो इजरायल और अमेरिका को आतंकित करना चाहते हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उनका सब कुछ तबाह हो जाएगा।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि, “गाजा में इजरायल के हमलों के बारे में ट्रंप प्रशासन और व्हाइट हाउस से पहले ही चर्चा की गई थी।”
इस बीच, गाजा स्थित अल-अक्सा मार्टर अस्पताल के प्रवक्ता खलील देगरान ने मंगलवार सुबह मृतकों की संख्या से जुड़े आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि यह हमला युद्धविराम के बाद से अब तक का सबसे भीषण हमला है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को आगे बढ़ाने के लिए चल रही वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं हुई, जिसके कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, “इजरायल अब हमास के खिलाफ सैन्य ताकत बढ़ाकर कार्रवाई करेगा।”
गाजा में हुए इन हमलों ने शांति की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है और 17 महीने से चल रहे संघर्ष के फिर से शुरू होने की आशंका को बढ़ा दिया है। इस संघर्ष में अब तक 48,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा का बड़ा हिस्सा तबाह हो चुका है। इजरायल के हमलों के कारण हमास द्वारा बंधक बनाए गए 24 इजरायली नागरिकों के भविष्य को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। माना जा रहा है कि ये बंधक अभी भी जीवित हैं।
हमास ने इजरायल के हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इन हमलों ने बंधकों के भविष्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। हमास के एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि इजरायल ने युद्धविराम समझौते को एकतरफा तौर पर तोड़ दिया है। वहीं, एक इजरायली अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि इजरायल हमास के आतंकियों, उसके नेताओं और बुनियादी ढांचों को निशाना बना रहा है। साथ ही, इजरायल हवाई हमलों के अलावा अन्य सैन्य अभियानों को भी तेज करने की योजना बना रहा है।