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लखनऊ में LDA प्लॉट घोटाला उजागर, STF ने 6 आरोपी किए गिरफ्तार

लखनऊ में एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के खाली प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों को ठगने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। एसटीएफ (विशेष कार्यबल) ने इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। तलाशी के दौरान इनके पास से 23 प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्रियां और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जांच में पता चला है कि यह गिरोह अब तक 80 प्लॉट धोखाधड़ी से बेच चुका है।

भोपाल के निवासी ने की थी शिकायत

भोपाल के औशंगाबाद निवासी सर्वेश कुमार गौतम ने 21 जनवरी को इस गिरोह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू की और गुरुवार को सूचना मिली कि गिरोह के सदस्य गोमतीनगर में एक डील करने वाले हैं।

एसटीएफ ने ऐसे दबोचा आरोपियों को

जानकारी के आधार पर एसटीएफ की टीम, डीएसपी दीपक सिंह के नेतृत्व में, गोमतीनगर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी। कुछ समय बाद, क्रेटा (UP 32 P0300) और स्विफ्ट डिजायर कार में कुछ संदिग्ध वहां पहुंचे। थोड़ी देर में गिरोह का एक प्रमुख सदस्य, अमर सिंह, इनोवा (UP32NB-8589) कार से वहां आया, लेकिन जल्द ही मौके से निकल गया। बाकी सदस्य आपस में बातचीत करने लगे, इसी दौरान एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी गाड़ियों की तलाशी ली गई, जिसमें 23 फर्जी रजिस्ट्रियां, पासबुक, चेकबुक और अन्य कागजात बरामद हुए।

गिरोह का तरीका और अब तक का घोटाला

पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। गिरोह के अलग-अलग सदस्य विशेष भूमिकाएं निभाते थे, जैसे – नकली कागजात तैयार करना, खरीदारों को फंसाना, आधार कार्ड बनवाना और रजिस्ट्री के लिए गवाहों की व्यवस्था करना। इसके अलावा, ये लोग भू-माफियाओं के लिए भी फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुके हैं।

अधिकारियों का बयान और आगामी कार्रवाई

एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था और कई लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना चुका था। आरोपियों से गहराई से पूछताछ की जा रही है और उनके अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है। जांच के दौरान एलडीए के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता के भी प्रमाण मिले हैं, जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

सावधानी बरतने की अपील

पुलिस और एलडीए ने लोगों से अपील की है कि प्लॉट खरीदते समय पूरी सतर्कता बरतें और सभी दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं। प्रशासन इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्री और डिजिटल वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने की योजना बना रहा है।

यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो बिना जांच-पड़ताल के सिर्फ सस्ते दामों के लालच में आकर जमीन खरीद लेते हैं। यदि कोई प्लॉट खरीद रहा है, तो उसे पहले एलडीए से उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि कर लेनी चाहिए, ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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